Mangal Grah Vakri 2022: मिथुन राशि में मंगल का वक्री होना लाएगा बड़े चेंज जाने मंगल के वक्री होना का असर कैसे डालता है अपना प्रभाव
मंगल पिछले काफी समय से मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं लेकिन अब मंगल मिथुन राशि में वक्री होंगे. मंगल ग्रह के वक्री होने के कारण काफि चीजों में बदलाव देखा जा सकता है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
मंगल लगभग दो से ढाई महीने तक वक्री गति में चलता है. जब मंगल वक्री हो तो इसके प्रभाव में व्यक्ति के स्वभाव में चिड़चिड़ापन, क्रोध की अधिकता, आक्रामकता और धैर्य की कमी देखी जा सकती है. ज्योतिष शास्त्र में मंगल को साहस का ग्रह कहा गया है. यह बहुत प्रभावशाली माना जाता है.
मंगल 30 अक्टूबर 2022 को मिथुन राशि में वक्री होने जा रहा है. मंगल को रक्त का कारक है और लाल ग्रह भी कहा जाता है. पौराणिक मान्यता है कि मंगल पृथ्वी की संतान है. सनातन धर्म में मंगल का संबंध देश के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न देवताओं से संबंधित बताया गया है.
इसके अलावा, दक्षिण भारत में, मंगल देव को भगवान कार्तिकेय के नाम से जोड़ा जाता है. भगवान कार्तिकेय को दक्षिण भारत में मुरुगन देवता के नाम से भी जाना जाता है. इसके अलावा पौराणिक ग्रंथों में भी मंगल का उत्तर भारत में हनुमान जी से संबंध का उल्लेख मिलता है.
पराक्रम और शक्ति का ग्रह
भारतीय ज्योतिष में मंगल को उग्र ग्रह के रूप में दिखाया गया है. सभी नौ ग्रहों में से मंगल शरीर में अग्नि को नियंत्रित और प्रभावित करते हैं. मंगल के कारण व्यक्ति को कार्य पूरा करने के लिए जीवन शक्ति, शारीरिक ऊर्जा, सहनशक्ति, समर्पण, इच्छाशक्ति, ऊर्जा मिलती है.
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किसी व्यक्ति की लग्न कुंडली में मंगल का प्रभाव अधिक हो तो ऐसे लोग साहसी होते हैं और हमेशा आगे बढ़ना पसंद करते हैं. साथ ही जिन लोगों की कुंडली में मंगल की मजबूत स्थिति होती है, वे तकनीक और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना करियर बनाते हैं.
मंगल का मिथुन राशि में वक्री होना
इस समय मंगल मिथुन राशि में वक्री हो जाएगा. मंगल की यह वक्री दशा 13 नवंबर तक ही रहेगी, जिसके बाद मंगल वृष राशि में विराजमान होगा. आपको बता दें कि वक्री गति का मतलब है जब कोई ग्रह पीछे की ओर बढ़ना शुरू करता है.
इस स्थिति में कोई विशेष ग्रह पृथ्वी से देखने पर पीछे की ओर बढ़ता हुआ प्रतीत होता है, इसलिए इस स्थिति को वक्री स्थिति कहा जाता है. इस कारण ही मंगल मिथुन से वृष में चले जाएंगे.
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