देश के ज्योतिर्लिंग कहां-कहां हैं और उनकी क्या विशेषता है
पुराणों और धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक देशभर के 12 स्थानों पर जो शिवलिंग मौजूद हैं उनमें ज्योति के रूप में स्वयं भगवान शिव विराजमान हैं इसलिए इन्हें ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है. पंचांग के आखिरी महीने फाल्गुन की शुरुआत हो चुकी है और फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाएगा.
इस दौरान हर एक श्रद्धालु की यही कोशिश रहती है कि वे भोलेनाथ भगवान शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकें. ऐसी मान्यता है कि इस समय ज्योतिर्लिंगों के दर्शन मात्र से ही श्रद्धालुओं के सभी पाप दूर हो जाते हैं.
मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात
गुजरात के सौराष्ट्र में अरब सागर के तट पर स्थित है देश का पहला ज्योतिर्लिंग जिसे सोमनाथ के नाम से जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि स्वयं चंद्र देव ने इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी.
शिव पुराण में इसका वर्णन प्राप्त होता है.
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के किनारे श्रीशैल पर्वत पर स्थित है मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग. इसे दक्षिण का कैलाश भी कहते हैं और इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं.
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित है महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग. ये एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है जहां रोजाना होने वाली भस्म आरती विश्व भर में प्रसिद्ध है.
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में स्थित है और नर्मदा नदी के किनारे पर्वत पर स्थित है. मान्यता है कि यहां सारे तीर्थ पूरे माने जाते हैं.
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तराखंड
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड में अलखनंदा और मंदाकिनी नदियों के तट पर केदार नाम की चोटी पर स्थित है. यहां से पूर्वी दिशा में श्री बद्री विशाल का बद्रीनाथधाम मंदिर है.
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र में पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर डाकिनी में स्थित है. यहां स्थित शिवलिंग काफी मोटा है, इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर जिसे धर्म नगरी काशी के नाम से जाना जाता है वहां पर गंगा नदी के तट पर स्थित है बाबा विश्वनाथ का मंदिर जिसे विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के नाम से जाना जाता है.
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक से 30 किलोमीटर दूर पश्चिम में स्थित है. गोदावरी नदी के किनारे स्थित यह मंदिर काले पत्थरों से बना है.
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है. यहां के मंदिर को वैद्यनाथधाम के नाम से जाना जाता है.
नागेश्वल ज्योतिर्लिंग, गुजरात
नागेश्वर मंदिर गुजरात में बड़ौदा क्षेत्र में गोमती द्वारका के करीब स्थित है. धार्मिक पुराणों में इसका बहुत महत्व है.
रामेश्वर ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु
भगवान शिव का 11वां ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामनाथम नामक स्थान में हैं. ऐसी मान्यता है कि रावण की लंका पर चढ़ाई से पहले भगवान राम ने जिस शिवलिंग की स्थापना की थी.
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र
घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के दौलताबाद के पास स्थित है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से यह अंतिम ज्योतिर्लिंग है.इस ज्योतिर्लिंग को घुश्मेश्वर के नाम से भी जाना जाता है.
ये भी पढ़ें
- Vastu Tips : वास्तु के अनुसार घर में इस पौधे को लगाते ही हो जायेंगे मालामाल
- Jyotish Remedies: भगवान शिव को भूलकर भी अर्पित न करें ये चीजें
- Jyotish shastra: राहु का विवाह और संबंधों पर पड़ता है गहरा असर
- Jyotish Remedies: चंद्रमा का असर क्यों बनाता है मेष राशि को बोल्ड
- जानिए कैसे बुध का गोचर व्यक्ति के लिए प्रभावी