नवरात्र का छठा दिन माँ कात्यायनी पूजा से दूर होंगी सभी परेशानियां जानें महत्व
आद्य शक्ति देवी दुर्गा के अनेकों रुपों में माँ कात्यानी एक अत्यंत ही सुंदर स्वरुप रहा है. मां कात्यायनी देवी दुर्गा के अनेक रूपों में शोभायमान हैं. मां के इस रूप को भी कोमल और प्रकृति के करीब माना गया है. देवी की पूजा-आराधना करने से शक्ति और सिद्धि प्राप्त होने का उल्लेख मिलता है. नवरात्रि के समय देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है.
इस दौरान कात्यायनी भी नौ देवियों में से एक हैं. मां का यह रूप बहुत ही तेजोमय है. जिनकी आभा से सारा लोक आलोकित है. जिससे भगवान शिव का स्वरूप भी पूर्णता को प्राप्त होता प्रतीत होता है. नवरात्रि के समय प्रत्येक भक्त के भीतर सभी दिशाओं और देवी-देवताओं की माता का आगमन होता है. नवरात्रि के छठे दिन की पूजा का संबंध मां कात्यायनी की पूजा से जोड़ा गया है.
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माँ कात्यायनी पूजा मंत्र
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
वन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्धकृतशेखराम्.
देवी कथा पौराणिक महत्व
मां कात्यायनी को दुर्गा का छठा रूप माना जाता है और इसी के अनुसार नवरात्रि के छठे दिन उनकी पूजा की जाती है. कथाओं के अनुसार राक्षस महिषासुर ने सर्वशक्तिमान होने का वरदान प्राप्त करने के बाद सभी को परेशान करना आरंभ कर दिया था. जिससे सभी देवता दुखी थे. राक्षस महिषासुर किसी भी हाल में काबू में नहीं आ रहा था. तब देवताओं की शक्ति और पराक्रम के संयोग से एक अग्नि उत्पन्न हुई, जिससे देवी कात्यायनी का जन्म हुआ. उन्होंने अनगिनत सूर्यों की चमक वाली महिला शक्ति की एक दिव्य इकाई के रूप में अवतार लिया. उनका एक रूप एक योद्धा का था, जिसकी तीन आंखें और लंबे काले बाल थे. माँ कात्यायनी की अठाहर भुजाएँ थीं और प्रत्येक भुजा में उन्हें युद्ध और विजय का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न युद्ध हथियार होते हैं. माता ने तब उस राक्षस का वध करके समस्त लोक में शांति स्थापित की थी. इस प्रकार नवरात्रि के छठे दिन माता का यह रुप पूजन समस्त प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्रदान करता है.
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माँ कात्यायनी पूजा लाभ
कात्यायनी माता का पूजन द्वारा जीवन यदि किसी प्रकार के दांपत्य सुख का व्यवधान मौजूद है तो वह समाप्त हो जाता है. देवी का पूजन सौभाग्य को प्रदान करने वाला है. समस्त दोष की शांति होती है. मानसिक रुप से यदि किसी प्रकार की वेदना एवं तनाव जीवन में हो तो उस व्यक्ति को देवी का पूजन अवश्य करना चाहिए. देवी का पूजन करने से जीवन में सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
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