Lohri 2023: लोहड़ी कब है, जानिए लोहड़ी का महत्व और तिथि, मुहूर्त
माघ माह के आगमन के साथ व्रत ओर त्यौहारों का भी आगमन हो जाता है. माघ माह के दौरान ही लोहड़ी का पर्व भी मनाया जाता है. भारत के पंजाब क्षेत्र से जुड़ा यह लोक पर्व देश भर में रह रहे पंजाबियों के लिए विशेष होता है. लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति के आसपास आता है.
यह त्योहार मुख्य रूप से कृषि और प्रकृति को समर्पित है. इस दिन सिख समुदाय के साथ-साथ देश भर के लोग एक दूसरे को लोहड़ी पर्व की शुभकामनाएं देते हैं. आइये जानते हैं लोहड़ी की तिथि, यह कब मनाई जाएगी और पूजा विधि.
मात्र रु99/- में पाएं देश के जानें - माने ज्योतिषियों से अपनी समस्त परेशानियों
उत्तर भारत में मकर संक्रांति के साथ ही लोहड़ी का त्योहार भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. आमतौर पर लोहड़ी का त्योहार सिख समुदाय के लोग मनाते हैं. इस पर्व में घर के बाहर या किसी खुले स्थान पर ढेर सारी लकड़ियों को एकत्रित करके अग्नि जलाई जाती है और इस पवित्र अग्नि की परिक्रमा के साथ उसमें तिल, गजक, मक्की के दाने (पॉपकॉर्न), मूंगफली आदि चढ़ाए जाते हैं. यह बहुत ही आनंद एवं हर्षोल्लास का समय होता है. इस दिन मनाई जा रही है लोहड़ी के साथ ही माना जाता है की शीत का प्रचंड रुप भी धीमा होने लगता है
लोहड़ी 2023 शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार सूर्य देव 14 जनवरी को रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करने वाले हैं. ऐसे में मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा. वहीं लोहड़ी का पर्व एक दिन पहले 13 जनवरी को मनाया जाएगा. लोहड़ी का शुभ मुहूर्त रात 8 बजकर 57 मिनट पर है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
लोहड़ी 2023 का महत्व
परंपरागत रूप से, लोहड़ी का त्योहार नई फसलों की कटाई और बुवाई से जुड़ा हुआ है. लोहड़ी की अग्नि में तिल, रेवड़ी, मूंगफली, गुड़ आदि चीजें रवि की फसल के रूप में चढ़ाई जाती हैं. मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव अग्नि देवता के प्रति आभार व्यक्त करते हैं, जिससे फसल की अच्छी पैदावार होती है. इस दिन पंजाबी लोग सज-धज कर ढोल की थाप पर भांगड़ा आदि करते हैं और महिलाएं पारंपरिक लोहड़ी गीत गाकर खुशियां मनाती हैं.
इस दिन गजक, रेवड़ी, पॉपकॉर्न, मूंगफली आदि चीजें खरीदते हैं साथ ही घर के बाहर या किसी खुले स्थान पर लकड़ी इकट्ठी करके उसे शाम के समय जलाया जाता है. फिर अग्नि देव को धन्यवाद देते हुए परिवार सहित इसकी 7 या 11 बार परिक्रमा करते हैं.अंत में लोहड़ी का प्रसाद सभी में बांटा जाता है. प्रेम और खुशी का यह पर्व सभी के जीवन को आनंदित कर देने वाला समय होता है.
ये भी पढ़ें
- Vastu Tips : वास्तु के अनुसार घर में इस पौधे को लगाते ही हो जायेंगे मालामाल
- Jyotish Remedies: भगवान शिव को भूलकर भी अर्पित न करें ये चीजें
- Jyotish shastra: राहु का विवाह और संबंधों पर पड़ता है गहरा असर
- Jyotish Remedies: चंद्रमा का असर क्यों बनाता है मेष राशि को बोल्ड
- जानिए कैसे बुध का गोचर व्यक्ति के लिए प्रभावी