कामदा एकादशी कब है? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
चैत्र शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. इसे हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी भी कहा जाता है. एकादशी तिथि का बहुत महत्व होता है. प्रत्येक माह में एकादशी तिथियां आती हैं. वहीं, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी के नाम से जाना जाता है. शास्त्रों में कामदा एकादशी का विशेष महत्व है. आइए जानते हैं कामदा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में.
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कामदा एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार इस वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 31 मार्च दिन शुक्रवार को दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से हो रहा है. और इसका समापन 2 अप्रैल रविवार को सुबह 4 बजकर 19 मिनट पर होगा. ऐसे में उदय तिथि के अनुसार कामदा एकादशी का व्रत 1 अप्रैल दिन शनिवार को रखा जाएगा. शुभ मुहूर्त में आप भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं. कामदा एकादशी के शुभ मुहूर्त में व्रत का संकल्प लेना और व्रत का पालन करना अत्यंत फलदायी और पुण्यदायी सिद्ध होगा.
कामदा एकादशी महत्व
कामदा एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है क्योंकि इसे हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की भक्ति और दिल से प्रार्थना करने से मनोकामना पूरी होती है. इसी कारण इस एकादशी का नाम कामदा एकादशी पड़ा है. कामदा एकादशी के दिन व्रत करने का भी बहुत महत्व है. कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को पीले फूल, पीले वस्त्र, पीले चावल या कोई भी पीली वस्तु दान करने से श्री हरि नारायण शीघ्र प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन के सभी कष्टों को हर लेते हैं. कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से मां लक्ष्मी और एकादशी माता की कृपा भी प्राप्त होती है और व्यक्ति के संकट दूर होते हैं.
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एकादशी के दिन गन्धयुक्त पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि इससे कामवासना बढ़ती है और तन-मन की अशुद्धता बढ़ती है. इसलिए इस दिन लहसुन और प्याज का सेवन कभी नहीं करना चाहिए. एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए, क्योंकि चावल का संबंध जल से है और जल का संबंध चंद्रमा से माना गया है. चंद्रमा को मानव मन का स्वामी माना जाता है, इसलिए जल तत्व के कारण अक्सर धोखा खाना पड़ता है. एकादशी के दिन पेड़ से पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए, इसलिए गिरे हुए पत्ते का ही उपयोग करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार एकादशी के दिन मांस-मदिरा का सेवन करने से नर्क की प्राप्ति होती है. इसलिए इन चीजों से दूर रहना चाहिए
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