किसी को परखना है तो इन बातों का रखें ध्यान , तुरंत होगी पहचान
आचार्य चाणक्य की नीतियों को बहुत से लोग काफी कठोर मानते हैं, लेकिन अगर देखा जाए तो जीवन की सच्चाई यही है। उसको अपनाना आसान नहीं है ,लेकिन जो अपना लिया उसका जीवन सरल भी हो जाता है।आज के समय में अधिकतर लोग स्वार्थी दिखाई देते है। उनको परखना हो तो आप उनको कुछ अपने पैसे दे दीजिए। पैसे देने के बाद अगर वो आपसे सम्पर्क रखें तो सही नहीं तो आपसे मतलब खत्म होने के बाद आपको पूछेंगे नहीं। ऐसे करने वाले व्यक्ति की नियत का पता चल जाता है।
चाणक्य का मानना है की अगर किसी व्यक्ति की विचार को परखना है तो उससे सलाह लीजिए, उसकी सलाह से ही उसके व्यक्तित्व की पहचान हो जायेगी। किसी व्यक्ति के गुण देखने हो तो उस व्यक्ति के साथ भोजन करना चाहिए। वहीं किसी व्यक्ति की आदत देखना हो तो उस व्यक्ति को सम्मान देना चाहिए। जीवन में सुख-दुख का आना और जाना लगा रहता है। आज का समय कलयुग माना जाता है और इसमें लोग अपनों के बीच भी पराए जैसा महसूस करते हैं। आज के समय में कोई किसी का सगा नहीं होता है।
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कभी कभी कुछ बिगड़ी हालात के जिम्मेदार भी कही न कही हम ही होते है, हमारी सोच और हमारा व्यवहार कई मायनों में अहमियत रखता है। इसके अलावा हमारे आसपास मौजूद लोगों का व्यवहार हमारे प्रति कैसा है, ये भी हमें जान लेना चाहिए, क्योंकि ये चीजें भी हमारे जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव का कारण होता हैं। चाणक्य ने अपने नीति में बताया है की कैसे हम परायों की पहचान कर सकते है और पहचान के बाद उनके साथ कैसा व्यवहार करें ये सब चाणक्य ने बताया है आइए जानते हैं।
स्पष्ट रहने वाले
खरे और स्पष्ट व्यक्ति भले ही बुरे लगते है लेकिन वो सही होते है।उनके मन में कोई कालापन नहीं होता है। दूसरों की बुराई नहीं करते है। ना ही वो ये सोचते है की अगला हम कैसे व्यापार में आगे निकल गया अब मैं उसको पीछे करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूं। एक स्पष्ट व्यक्तित्व वाले की ये सोच कभी नहीं हो सकती है।
अगर कोई व्यक्ति सच बोलता है और हमेशा बिना किसी डर के सच के साथ रहता है, तो आपको उसके संपर्क में जरूर रहना चाहिए।आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो निस्वार्थ आपका भला करता है, वहीं परायों में अपना होता है। ऐसे व्यक्ति आपके साथ हमेशा खड़े रहते है।
त्याग का भाव
आचार्य चाणक्य का मानना है कि अगर कोई भी व्यक्ति किसी अपने रिश्ते को बचाने के लिए त्याग की भावना रखता है तो वह अपने बिखरे संबंध को समेट सकता है।
वर्तमान समय की बात करें तो बहुत कम व्यक्ति ही एक दूसरे के प्रति त्याग की भावना रखते है। आज के समय में तो त्याग शब्द सुनने को ही नहीं मिलता तो कोई किसी के लिए त्याग क्या करेगा। ऐसे व्यक्ति से संबंध बनाकर न रखें, जो आपके दुख में आपके साथ न खड़ा हो।हमेशा उन्हीं के संपर्क में रहे, जो हर स्थिति में साथ दें और त्याग करने में पीछे न हटें। त्याग की भावना हर रिश्ते को मधुर बनाता है।
पैसे का लालच
चाणक्य के अनुसार किसी भी इंसान को दूसरों के पैसों का लालच नहीं करना चाहिए। परिश्रम से कमाया हुआ धन अपना होता है।बिना परिश्रम से मिला हुआ धन अधिक समय तक नहीं टिकता है। ऐसे व्यक्ति के पास मां लक्ष्मी की कृपा भी नहीं होती है। अगर व्यक्ति के बारे में जानना है की वो लालची है की नहीं तो सामने वाले को कुछ पैसे देकर देखें। अगर वह समय पर उन्हें लौटा दें, तो आपको उसके साथ संपर्क रखना चाहिए। इसके अलावा स्वार्थी और लालची मनुष्य सदा आपसे पैसे लेने या खर्च करवाने की कोशिश करेगा। ऐसे व्यक्ति से दूरी बना ले तो अच्छा है।
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