पहले शनि देव और अब गुरु हुए वक्री जाने कैसे पाएं ग्रहों की शुभता, गुरु के ये उपाय दिलाएंगे सफलता
वैदिक ज्योतिष में, बृहस्पति ग्रह को गुरु भी कहा जाता है और यह विद्या और ज्ञान का ग्रह है. सभी ग्रहों में सबसे अधिक शुभ माने जाने वाला बृहस्पति भाग्य, धन और सुख से जुड़ा हुआ है. इस शुभ ग्रह की उपस्थिति लोगों के भाग्य को बढ़ाती है जीवन बदलने की क्षमता रखती है. एक अत्यधिक आध्यात्मिक ग्रह, बृहस्पति हमें सही रास्ते पर चलने और बढ़ने में मदद करता है, और यह हमें अज्ञान से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाता है. किंतु अब बृहस्पति वक्री हो रहे हैं तो ऎसे में अपने शुभ फलों को देने में कमी दिखा सकते हैं. बृहस्पति सबसे खराब स्थिति में हमें भोग, सुस्ती और आलस्य की ओर ले जा सकता है.
मजबूत बृहस्पति का प्रभाव
बृहस्पति के बली होने पर व्यक्ति को धन, आध्यात्मिक सफलता और संतान की प्राप्ति होने की संभावना होती है. व्यक्ति अच्छे लोगों की संगति में भी रहता है.
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कमजोर बृहस्पति का प्रभाव
बृहस्पति जितना अपनी शुभता के लिए जाना जाता है, उतना ही कुंडली के कमजोर स्थान में बैठा बृहस्पति कुंडली को कमजोर बना सकता है. खराब बृहस्पति जातक के जीवन में प्रतिकूल परिणाम और दुर्भाग्य ला सकता है. वक्री बृहस्पति के कारण कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है: कुंडली में वक्री गुरु जिस स्थान पर होता है उसी घर से जुड़ी परेशानी भी देता है.
आर्थिक तंगी दे सकता है. प्रयास बढ़ाता है और समाज में छवि खराब हो सकती है. संतान से कष्ट मिल सकता है. वक्री बृहस्पति आत्मविश्वास, विश्वास और एकाग्रता की कमी को दिखा सकता है. वक्री बृहस्पति के कारण अक्सर जीवन में वित्तीय संघर्षों का सामना करना पड़ सकता है. मधुमेह, मोटापा, सूजन और पेट, यकृत, कूल्हों और पैरों से संबंधित स्वास्थ्य चिंता अधिक हो सकती है.
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति के उपाय
आप नीचे दिए गए कुछ उपायों को अपनाकर अपने बृहस्पति को मजबूत कर सकते हैं और उसकी शक्ति को बढ़ा सकते हैं:
पीले रंग के आभूषण पहनें; सोना तुम्हारा सबसे अच्छा दांव है.
अपने कपड़ों में दिन-प्रतिदिन के आधार पर पीले रंग का अधिक उपयोग करें.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती ह
गुरुवार का व्रत करना शुभता प्रदान करता है.
गुरु बीज मंत्र - ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम: का प्रतिदिन 28 बार या 108 बार जप करना चाहिए इसके साथ ही "ओम् आंगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात्" का जाप प्रातः तीन माला करने से गुरु की शुभता प्राप्त होती है.
किसी धार्मिक स्थान जैसे बृहस्पति के मंदिर में लोगों को मिठाई या गुड़ का दान करना चाहिए इससे शुभता मिलती है.
गरीबों के प्रति निस्वार्थ सेवा करनी चाहिए धर्म स्थान पर सेवा कार्य करने चाहिए. आप किसी जरूरतमंद व्यक्ति की मदद भी कर सकते हैं, या समाज सेवा से जुड़ना चाहिए.
गुरुवार के दिन बृहस्पति से की शुभता हेतु श्री विष्णु पूजन करना चाहिए.
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