Guru Margi : अमावस्या के दिन पर बृहस्पति हो रहे हैं मार्गी इन उपायों से मिलेगा गुरु का आशीर्वाद
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का बहुत महत्व है. यह एक शुभ ग्रह है जो धन समृद्धि, ज्ञान को प्रदान करने वाला होता है. बृहस्पति का शुभ होना व्यक्ति को बुद्धिमान, सुसंस्कृत, लीडर और उदार बनने में मदद करता है.
बृहस्पति ग्रह कर्क राशि में उच्च का और मकर राशि में नीच का हो जाता है जबकि यह धनु और मीन राशि का स्वामी है. जब जन्म कुंडली में बृहस्पति मजबूत होता है, तो अच्छे स्वास्थ्य, शक्ति, अधिकार, पद आदि को प्रदान करने वाला होता है,
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यदि बृहस्पति शुभ न हो तो इस स्थिति में अच्छे फल मिल पाना कठिन दिखाई देता है. यदि यह अशुभ है, तो कर्मों को कमजोर करता है, गरीबी और बेईमानी का शिकार बना सकता है.
शुभ बृहस्पति के साथ आप एक अच्छे शिक्षक या पुजारी बना सकता है. सामाजिक कार्यों और कोषाध्यक्ष के रूप में व्यक्ति काम कर सकता है. इसके अलावा, बृहस्पति सकारात्मक रूप से कार्य कर रहा है, इस बात की संभावना अधिक रह सकती है कि आध्यात्मिक संगठन के प्रमुख रुप में भी व्यक्ति स्वयं स्थापित कर सकता है.
बृहस्पति गोचर में मार्गी होना और उसका असर
वैदिक ज्योतिष में ग्रह गोचर अनुसार बृहस्पति का गोचर जब वक्री होता है तब उसके कारण कई तरह की परेशानियों का समय दर्शाता है. वैसे बृहस्पति गोचर को सबसे शुभ में से एक माना जाता है. जातकों के लिए, यह उनके जीवन में खुशी और आनंद का समय देता है लेकिन वक्री होने पर फल मिल पाने आसान नहीं हो पाते हैं. ग्रहों के गोचर में बृहस्पति को एक राशि से दूसरी राशि में जाने में एक वर्ष का समय लगता है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
बृहस्पति ग्रह का वक्री गोचर आय या कमाई में कुछ अनिश्चितताओं को दिखाता है. नौकरी और व्यवसाय में बदलाव देखने को मिल सकता है. वक्री बृहस्पति का गोचर चाहता है कि आप परिवार और भाई-बहनों के साथ अधिक समय बिताएं क्योंकि वे आपसे दूर महसूस कर सकते हैं. लेकिन अब बृहस्पति वक्री से मार्गी की चाल चलेगा जिसके कारण एक बार फिर से बृहस्पति के शुभ असर को हम देख पाएंगे.
बृहस्पति की शुभता के उपाय
जिस व्यक्ति पर देवगुरु बृहस्पति की कृपा होती है उसके जीवन में सौभाग्य बना रहता है और उसे समाज में अपार सम्मान प्राप्त होता है. ऐसे में अपनी कुंडली में बृहस्पति ग्रह को मजबूत करने और उसकी शुभता पाने का आसान उपाय लाभदायक होगा.
बृहस्पति ग्रह की शुभता पाने के लिए वैदिक या तांत्रिक गुरु मंत्र का जाप और कवच और स्तोत्र का पाठ करना अत्यंत लाभकारी होता है.
बृहस्पति ग्रह की शुभता पाने के लिए रुद्राष्टाध्यायी और शिव सहस्त्रनाम का पाठ या रुद्राभिषेक करना भी अत्यंत प्रभावशाली उपाय है.
बृहस्पति की शुभता पाने के लिए गुरुवार का व्रत करना अत्यंत शुभ होता है. बृहस्पति ग्रह की शुभता पाने के लिए प्रतिदिन या विशेष रूप से गुरुवार के दिन हल्दी या केसर से स्नान करना शुभदायक माना जाता है.
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