Guru Gobind Singh Jayanti 2022 : कौन थे गुरु गोबिंद सिंह ? उनसे जुड़ी कुछ अहम बातें आप भी जान लें
गुरु गोबिंद सिंह सिख धर्म के दसवें गुरु थे. गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती सिख समुदाय के लोगों के बीच एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष महीने में संवत 1723 शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था.
29 दिसंबर 2022 को गुरु गोबिंद सिंह जयंती मनाई जाने वाली है. गुरु गोबिंद सिंह जी को सिखों का 10वां गुरु माना जाता है. उन्होंने ही खालसा वाणी दी थी "वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह ". गुरु गोबिंद सिंह ने सिख धर्म की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब को पूरा किया.
इसके अलावा खालसा पंथ की रक्षा के लिए उन्होंने मुगलों और उनके सहयोगियों से कई बार युद्ध किया. इसी वजह से उनकी जयंती धूमधाम से मनाई जाती है. इस साल यानी 2022 में गुरु गोबिंद सिंह जयंती 29 दिसंबर को मनाई जाएगी. इस शुभ अवसर पर गुरुद्वारों में कीर्तन और लंगर का आयोजन किया जाता है. देश भर में इस पर्व को खास अंदाज से मनाया जाता है.
गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2022: तारीख और समय
सप्तमी तिथि प्रारंभ - 28 दिसंबर, 2022 - 08:44
सप्तमी तिथि समाप्त - 29 दिसंबर 2022 - शाम 07:17 बजे तक
गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2022: महत्व
गुरु गोबिंद सिंह के पिता गुरु तेग बहादुर थे जिन्हें औरंगजेब ने मार डाला था. गुरु गोबिंद सिंह की माता का नाम माता गुजरी था. औरंगजेब ने 1675 में इस्लाम स्वीकार न करने के कारण अपने पिता गुरु तेग बहादुर का सिर कलम कर दिया था. 1676 में, गोबिंद सिंह को बैसाखी के दिन सिखों का दसवां गुरु घोषित किया गया था, जब वह 9 वर्ष के थे. जिस स्थान पर गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ था वह अब तख्त श्री हरिमंदर जी पटना साहिब है.
जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है
गुरु गोबिंद सिंह जयंती 2022: उत्सव
गुरु गोबिंद सिंह जयंती दुनिया भर में मनाई जाती है. यह पर्व केवल सिख लोग ही नहीं बल्कि सभी लोग मनाते देखे जा सकते हैं. लोग इस दिन को गुरुद्वारों में जाकर मथा टेकते हैं. तथा गुरु की शिक्षाओं को सभी तक फैलाते हैं. लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं.
सभी को लंगर बांटा जाता है सभी गुरुद्वारों को रोशनी और मोमबत्तियों से सजाया जाता है. कहीं-कहीं गुरु नानक वाणी भी सुनाई जाती है. खालसा पंथ ने गुरु गोबिंद सिंह की देखरेख और मार्गदर्शन में आध्यात्मिक अनुशासन का सख्ती से पालन किया. लोगों ने निडर होकर मुगल शासकों के खिलाफ लड़ाई लड़ी. गुरु गोबिंद सिंह जी एक महान कवि और लेखक थे जिन्होंने कई साहित्य लिखे हैं.
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