कब से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि, जाने क्या है घट स्थापना का समय पूजा विधि और महत्व!
साल में दो बार गुप्त नवरात्रि आती है गुप्त नवरात्रि को विशेष सिद्धांतों और विशेष कामना की प्राप्ति वाली नवरात्रि भी कहा जाता है. मानते इसमें 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है इस पूजा को गुप्त ही रखा जाता है इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता हैl
हिंदू पंचांग के अनुसार साल में कुल 4 बार नवरात्रि का पर्व पड़ता है. इसमें से दो बार गुप्त नवरात्रि आती है. एक माघ की , दूसरी आषाढ़ के महीने में. गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है इस नवरात्रि को तंत्र साधना के लिए सबसे उत्तम माना गया है. आषाढ़ का महीना 15 जून से शुरू हो चुका है इस माह में पढ़ने वाली गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू होगी और इसका समापन 9 जुलाई को होगाl आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि का महत्व और घट स्थापना का समय अन्य एवं अन्य जानकारियों के बारे मेंl
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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2022 शुभ मुहूर्त:
आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि प्रतिपदा तिथि 29 जून 2022 को सुबह 10:21 से शुरू होगी और 23 जून 2022 सुबह 10:09 तक रहेगी. क्योंकि हिंदू धर्म में उदया तिथि को विशेष महत्व दिया गया है ऐसे में गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 30 जून से ही मानी जाएगी. और घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 30 जून 2022 को प्रातः 5:26 से 6:43 तक रहेगाl
इन 10 महाविद्याओं की होती है :
पूजा गुप्त नवरात्रि में मां के नौ रूपों की बजाय 10 महाविद्याओं की पूजा होती है यह दस महाविद्या के नाम है, काली ,तारा, छिन्नमस्ता,षोडशी, भुवनेश्वरी, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मांगी और कमलाl गुप्त नवरात्रि विशेष कर तांत्रिक क्रियाओं , शक्ति -साधना आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती हैl
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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पूजा की विधि:
आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद विधिवत घट स्थापना करें, एक चौकी पर माता की मूर्ति स्थापित करें और लाल रंग का सिंदूर और लाल रंग की चुनरी माता को अर्पित करें ,साथ ही श्रृंगार के सामान अर्पित करें. इसके बाद लाल रंग का का पुष्प चढ़ाएं, दोनों वक्त की पूजा में दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. सरसों के तेल का दीपक जलाकर माता के मंत्रों का जाप करते रहे .किसी विशेष कामना पूर्ति के लिए आधी रात में भी मां दुर्गा के विशेष अनुष्ठान किए जाते हैंl
गुप्त नवरात्रि का महत्व:
गुप्त नवरात्रि को विशेष कामना पूर्ति और सिद्धि के लिए विशेष माना जाता है मान्यता यह है कि गुप्त नवरात्रों के साधना काल में मां शक्ति का जप, तप, ध्यान करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर होने लगती है. इस दौरान साधक तंत्र- मंत्र और विशेष पाठ गुप्त रूप से करते हैं. तभी उनकी कामना फलित होती है.शाक्त ग्रंथों में गुप्त नवरात्रों का बड़ा ही महत्वपूर्ण बताया गया है. मानव के समस्त दोष-रोग व कष्टों के निवारण के लिए गुप्त नवरात्र से बढ़कर कोई साधनाकाल ही नहीं है
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