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Home ›   Blogs Hindi ›   Geeta Gyan: These 5 reasons for the destruction of human beings have been told in Shrimad Bhagwat Geeta

Geeta Gyan : श्रीमद्भागवत गीता में बताए गए हैं मनुष्य के बर्बाद होने के ये 5 कारण

Myjyotish Expert Updated 09 Nov 2022 10:06 AM IST
Geeta Gyan : श्रीमद्भागवत गीता में बताए गए हैं मनुष्य के बर्बाद होने के ये 5 कारण
Geeta Gyan : श्रीमद्भागवत गीता में बताए गए हैं मनुष्य के बर्बाद होने के ये 5 कारण - फोटो : google
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Geeta Gyan : श्रीमद्भागवत गीता में बताए गए हैं मनुष्य के बर्बाद होने के ये 5 कारण


हिंदू धर्म में भागवत गीता एक उच्च कोटि का आध्यात्मिक ग्रंथ है। श्रीमद्भागवत गीता को ग्रंथो में से एक विशेष ग्रंथ माना जाता है। इस ग्रंथ में हजारों वर्ष पहले कहे गए भगवान श्री कृष्ण के उपदेश है। उस उपदेश से मानव आज भी कुछ न कुछ सीखता ही है। इतिहास में पहली बार भक्ति योग का वर्णन श्रीमद्भागवत गीता में ही मिलता है। ग्रंथ में भगवद-गीता को भगवान का गीत कहा जाता है। 

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श्रीमद्भागवत गीता में जीवन का संपूर्ण सार है। अगर कोई भी व्यक्ति इस उपदेश का पालन करता है तो उसे कभी भी निराशा का सामना नहीं करना पड़ेगा। आइए जानते है की श्री कृष्ण ने गीता में मनुष्य के बर्बाद होने के क्या कारण बताए है।

मनुष्य को बर्बाद करती है ये चीजें

श्रीमद्भागवत गीता में कृष्ण ने अर्जुन को समझते हुए कहा है की हे अर्जुन ! मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन नींद, गुस्सा, थकान , दर और काम को टालने की आदत है।

श्री कृष्ण अर्जुन को समझते हुए कहते है की व्यक्ति की असली पहचान उसकी सोच , सुंदर विचार और मधुर व्यवहार होता है। ना की धन से हम व्यक्ति की पहचान करते है। 

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

श्री कृष्ण कहते है की व्यक्ति के जीवन में अच्छा से अच्छा और बुरा से बुरा समय आता है , लेकिन कभी भी उसे उस परिस्थिति से घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि व्यक्ति का समय उसकी सोच और विचारों पर ही निर्भर करता है।

श्री कृष्ण कहते है की व्यक्ति को कभी भी निर्णय बहुत खुशी में या फिर जब वो बहुत दुःखी हो तब नहीं लेना चाहिए क्योंकि ये दोनों ही परिस्थिति आपको सही निर्णय नहीं लेने देगी। 
श्री कृष्ण ने गीता में कहा है कि जब तक तुम खुद को बदलने की कोशिश नहीं करोगे तब तक तुम खुद को नहीं बदल सकते और ना ही तुम भगवान को दोष दे सकते हो।

 

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