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Garuda Purana: गरुड़ पुराण में बताया गया है किन कामों से होते हैं योग्य संतान, गर्भधारण में इन बातों का रखें ध

Myjyotish Expert Updated 21 Dec 2022 11:44 AM IST
Garuda Purana: गरुड़ पुराण में बताया गया है किन कामों से होते हैं योग्य संतान, गर्भधारण में इन बातों
Garuda Purana: गरुड़ पुराण में बताया गया है किन कामों से होते हैं योग्य संतान, गर्भधारण में इन बातों - फोटो : google
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Garuda Purana: गरुड़ पुराण में बताया गया है किन कामों से होते हैं योग्य संतान, गर्भधारण में इन बातों का रखें ध्यान


हर माता पिता की इच्छा होती है की उनका बच्चा संस्कारी और सेहतमंद हो। बच्चा जन्म के बाद कैसा होगा ये तब तय होता जब बच्चा मां की पेट में होता है और उस दौरान मां बच्चें को जो सीख देती है ,वो सीख बच्चा सिख जाता है।

इस बात का जिक्र गरुण पुराण में किया गया है की बच्चा जन्म लेने के बाद कैसा होगा और इस बात को जानने के लिए मां का आचरण और गर्भधारण का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। गर्भ संस्कार में बताया गया है की कैसे 9 माह तक गर्भ धारण की हुई स्त्री का खान पान , स्वास्थ्य और रोज का दिनचर्या हो। आइए जानते है की गरुण पुराण में गर्भ धारण के समय किन किन नियमों का पति पत्नी को पालन करना चाहिए की उनका बच्चा श्रेष्ठ पैदा हो। 

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गर्भधारण के समय इन बातों का रखें ध्यान 
गरुण पुराण के अनुसार जब महिला माहवारी में हो तो उस समय दंपति को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही माहवारी के दौरान महिला के साथ अच्छा व्यवहार करें। ऐसा करने से श्रेष्ठ संतान पैदा होता हैं।

गरुण पुराण में वर्णित है की माहवारी के 8 वें और 14 वें दिन के बाद का समय महिला के गर्भ धारण का समय सबसे अच्छा होता है। ऐसे में संतान योग्य,गुणवान और संस्कारी होता है।

महिला को माहवारी से शुद्ध होने के सातवें दिन बाद गर्भ धारण नहीं करना चाहिए। क्योंकि माहवारी के समय महिला कमजोर होती है,और वह वो गर्भवती होती है तो मां और बच्चा दोनों ही कमजोर होंगे। 

जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है

गरुण पुराण में महिला के गर्भ धारण के लिए शुभ दिन भी बताया गया है। वो शुभ दिन सोमवार,बुधवार,गुरुवार और शुक्रवार है। 

गर्भ धारण के लिए भी गरुण पुराण में शुभ नक्षत्र भी बताए गए है। वो शुभ नक्षत्र – रोहिणी, मृगशिरा, हस्त, चित्रा, पुनवर्सु, अनुराधा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा, भाद्रपद, उत्तराषाढ़ा और उत्तराफाल्गुनी है।

 

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