Ganesh Puja : गणपति पूजा के 5 अचूक उपाय, जिसे करते ही बनेंगे सारे बिगड़े काम
हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय माने जाने वाले गणपति की पूजा से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं. बुधवार के दिन की जाने वाली पूजा के जिस उपाय को करते ही गणपति की कृपा बरसने लगती है, उसे जानने के लिए जरूर पढ़ें ये लेख.
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शास्त्रों में बुधवार का दिन गणेशजी का माना गया है। इसके अनुसार,माता पार्वती की कृपा से जब बाल गणेश की उत्पत्ति हुई थी,तब उस समय भगवान शिव के धाम कैलाश में बुध देव उपस्थित थे। बुध देव की उपस्थिति के कारण श्रीगणेश जी की आराधना के लिए वह प्रतिनिधि वार हुए यानी बुधवार के दिन गणेश जी की पूजा का विधान बन गया।
रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की हिंदू धर्म में सबसे पहले पूजा करने का विधान है. गणपति को सुखकर्ता और दु:खहर्ता कहा जाता है क्योंकि उनकी साधना से जीवन से जुड़े सभी दु:ख और दर्द दूर हो जाते हैं और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. किसी भी शुभ कार्य या देवी-देवताओं की पूजा को सफल बनाने के लिए उससे पहले भगवान गणेश जी की पूजा जरूर की जाती है, ताकि उसमें किसी भी प्रकार का विघ्न न आए.
गणपति की साधना आप जब चाहे कर सकते हैं, लेकिन बुधवार को गणेश पूजा का विशेष फल मिलता है क्योंकि यह दिन गणपति की साधना के लिए समर्पित माना गया है. आइए जानें देवों के देव महादेव और माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश की पूजा से जुड़े अचूक उपाय जानते हैं.
गणपति पूजा के उपाय:
किसी भी भगवान की पूजा तब तक संपन्न नहीं मानी जाती जब तक उन्हें प्रसाद नहीं चढ़ाया जाता. ऐसे में गणपति की पूजा करते वक्त उनका सबसे प्रिय माना जाने वाला मोदक जरूर चढाएं. यदि ये संभव न हो तो आप उन्हें गुड़ अथवा गुड़ से बनी गोली या फिर मालपुआ भी चढ़ा सकतें हैं.
गणपति पूजा के वक्त उनका मनचाहा आशीर्वाद पाने के लिए लाल सिंदूर, लाल फूल और दूर्वा जरूर चढाएं. माना जाता है कि ये चीजें गणपति जी को बहुत प्रिय हैं और इनके इस्तेमाल से आप की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और सभी कष्ट भी दूर होते हैं.
यदि आप बुधवार के दिन किसी कारणवश गणपति मंदिर न जा पाएं या फिर आपको भगवान श्री गणेश की कोई मूर्ति या तस्वीर न मिल पाए तो आप घर में ही सुपारी पर कलावा लपेट कर उन्हें गणपति मान कर पूजा अर्चना कर सकते हैं.
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जीवन में यदि आपको बाधाएं घेरे हुए हैं तो हर बुधवार के दिन ‘ॐ गं गणपतये नम:’ अथवा ‘ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात्’ मंत्र का जाप करें, और भगवान गणेश के सामने दीप जलाएं.
सनातन परंपरा में कच्चे चावल या कहें कि अक्षत का बहुत अधिक धार्मिक महत्व है. गणपति पूजा में अक्षत का प्रयोग करने से भगवान गणपति प्रसन्न होते हैं और अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं.
गणपति पूजा का महत्व:
हिंदू धर्म में गणपति जी को विघ्न-विनाशक कहा गया है जो सभी व्यक्ति के जीवन से जुड़े सभी कष्टों को हर लेते हैं. माना जाता है कि उनकी पूजा से जीवन के सभी दु:ख-दर्द दूर होते हैं और बल, बुद्धि विद्या का आशीर्वाद प्राप्त होता है. मान्यता है कि किसी भी कार्य से पहले सर्वशक्तिमान भगवान श्री गणेश जी की पूजा करने पर उस कार्य में कोई बाधा नहीं आती है और वह पूरी तरह से संपन्न होता है.
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