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जाने कब है श्री गणेश जयंती व्रत और शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि महत्व
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी के रुप में मनाया जाता है. इसे गणेश जयंती, माघ विनायक चतुर्थी और वरद चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. इस साल गणेश जयंती 25 जनवरी को मनाई जाएगी.
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र गणेश की पूजा की जाती है. गणेश जयंती के दिन व्रत और पूजा करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन जो भक्त श्री गणेश जी की प्रेम पूर्वक पूजा करता है उसे पूरे वर्ष शुभ फल की प्राप्ति होती है. ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त पूरी श्रद्धा से भगवान गणेश की पूजा करते हैं, उनके सभी संकट, विघ्न और संकट दूर हो जाते हैं.
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चतुर्थी पूजा मुहूर्त
इस बार माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जनवरी मंगलवार को दोपहर 03 बजकर 22 मिनट से बुधवार 25 जनवरी 2023 को दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगी. ऐसे में उदयतिथि के अनुसार इस बार गणेश जयंती रहेगी. 25 जनवरी को मनाया गया. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है. कहा जाता है कि अगर आप नौकरी-व्यवसाय, बीमारी, संतान या गृह कलह से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो बुधवार के दिन भगवान गणेश से जुड़े उपाय कर सकते हैं. गणेश जयंती इस बार बुधवार को भी है. ऐसे में गणेश जी से जुड़े इन अचूक उपायों को करने से आपके सारे बिगड़े काम बन जाएंगे.
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चतुर्थी पूजा विधि
गणेश जयंती के दिन सुबह स्नान और ध्यान करने के बाद गणपति बप्पा के व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
चतुर्थी के दिन में शुभ मुहूर्त में पाटे, चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी की प्रतिमा या चित्र लगाएं. गंगाजल छिड़कें और गणपति बप्पा को प्रणाम करना चाहिए.
गणेश जी को सिंदूर से तिलक लगाना चाहिए और धूप-दीप जला कर उनकी पूजा करनी चाहिए.
भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, फूल, सिंदूर, जनेऊ और 21 दूर्वा अर्पित करनी चाहिए और फिर पूरे परिवार के साथ गणेश जी की आरती करनी चाहिए.
भगवान को भोग अर्पित करना चाहिए इसके पश्चात प्रसाद को सभी परिवार के मध्य वितरित करना चाहिए.
गणेश मंत्र
वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा।।
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश के मंत्रों का जाप करना शुभ होता है. इसके द्वारा समत कार्यों में सिद्धि की प्राप्ति होती है. जीवन में कष्ट दूर होते हैं और कार्य सफलता पूर्वक संपन्न होते हैं. इन मंत्रों का जाप करने से सुख समृद्धि का वास बना रहता है.
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