गणेश चतुर्थी का आगमन हो चुका है | गणेश चतुर्थी को कि पूरे देश में पूरे धूमधाम से मनाते हैं | गणेश चतुर्थी को पूरे धूमधाम से सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में मनाया जाता है | गणपति जी के इस त्यौहार में गणपति जी की मूर्ति को सभी लोग अपने घरों में स्थापना करते हैं | और उसके बाद इनको सरवाई जाती है | जब मूर्ति करवाने जाते हैं उस समय पूरे बैंड बाजे के साथ जाया जाता है पूरे धूमधाम से भगवान गणेश को विदा किया जाता है | कई लोग तो दसवें दिन मूर्ति का विसर्जन करते है | भगवान गणेश को कई नामों से पुकारा जाता है अपने भक्तों के दुख हरने वाले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है | भगवान गणेश को लक्ष्मी जी ने वरदान दिया था कि किसी भी भगवान की पूजा होने से पहले भगवान गणेश को अवश्य पूजा जाएगा और तभी से आज तक भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है | भगवान गणेश ज्यादा खुश रहने वाले भगवान हैं | वो भगवान शिव और माता माता पार्वती के लाडले पुत्र थे | भगवान गणेश जी को उनकी पूजा से प्रसन्न किया जा सकता है | पंडितों का कहना है कि भगवान गणेश की पूजा पूरे विधि विधान से की जाए तो तो बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं | और अपने भक्तों को मनचाहा फल प्राप्त करवाते हैं | भगवान गणेश सभी विघ्न को हर लेते हैं और अपने भक्तों को खुशहाली का जीवन देते हैं | उनके भक्तों की जीवन में कभी भी कोई समस्या नहीं आती है |
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विघ्नहर्ता गणेश भगवान को उनके प्रिय मोदक चढ़ाए जाते हैं | भगवान गणेश को मोदक बहुत पसंद है इसीलिए भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाया जाता है | गणेश चतुर्थी को लेकर लोगों की मान्यता है कि यदि इस दिन पूरे धूमधाम से भगवान गणेश की पूजा की जाए तो भगवान गणेश बहुत प्रसन्न में होते हैं और भक्त को उनका मनचाहा फल देते हैं | आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे गणेश चतुर्थी का मुहूर्त और पूजा करने की विधि| यदि आप भी गणेश चतुर्थी मनाना चाहते हो और सही विधि के अनुसार पूजा करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए लाभकारी होगा |
इस बार गणेश चतुर्थी के दिन भद्र साया भी लग रहा है इस बार 11:09 से 10:59 तक पाताल निवासिनी भद्रा भी रहेगी | गणेश चतुर्थी के समय भद्रा का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ता है | शास्त्रों के अनुसार इस समय भद्रा का लगना शुभ फलदाई देता है| वैसे भी गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है तो उस समय कोई भी संकट आने आने से पहले ही वह खत्म हो जाता है | इसीलिए शुभ फल ही प्राप्त होते हैं |
शुभ मुहूर्त -
इस बार गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त दिन दिन के 12:17 अभिजीत मुहूर्त पर शुरू होगा | और पूजन का समय रात 10:00 बजे तक रहेगा |
विधि -
नहा धोकर गणपति जी की स्थापना करें| गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना करते हुए गणेश भगवान के मंत्र का जाप करें | एवं फूल, चंदन, अक्षत,जल,एवं धूप - धिप , फल आदि भगवान गणेश को अर्पित करे | गणेश जी को सिंदूर बेहद पसंद है इसीलिए सिंदूर की अवश्य कराएं | और भोग में मोदक एवं लड्डू चढ़ाएं | और भगवान गणेश की आरती करें और भगवान गणेश की आरती गाएं | जिस समय मूर्ति की स्थापना करें उस समय पूरे धूमधाम से गणेश जी के जयकारे लगाते हुए मूर्ति की स्थापना करें | भगवान गणेश के मंत्र कभी उच्चारण करें | और पूरे धूमधाम से उनकी सेवा पूरे विधि विधान से पूजा करें |
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