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Ganesh Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी कब है? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त भगवान गणेश से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

My jyotish expert Updated 09 Sep 2021 09:42 AM IST
गणेश चतुर्थी 2021
गणेश चतुर्थी 2021 - फोटो : My jyotish
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Ganesh Chaturthi 2021: जानिए गणेश चतुर्थी कब है? हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी एक बहुत बड़ा उत्सव होता है। बड़े ही धूमधाम से भाद्रपस मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाया जाता है। चाहे वह कार्य हो या फिर जीवन किसी भी चीज की शुरुआत हिंदू धर्म में श्री गणेश का नाम लेकर ही शुरू किया जाता है। माना जाता है कि गणपति बप्पा कार्य और जीवन में आई हर विघ्न और बाधाओं को दूर कर देते हैं, यानी कि सभी देवों में प्रथम आराध्य देव श्री गणेश को ही माना जाता है। इस साल 10 सितंबर को बड़े ही धूमधाम से इस त्यौहार की शुरुआत हो रही है। इसी दिन गणपति बप्पा विराजमान होंगे और 19 सितंबर यानी कि अनंत चतुर्थी के दिन उन्हें बड़े ही धूमधाम से विसर्जित करके इस त्यौहार की समाप्ति कर दी जाएगी। बड़े ही हर्षोल्लास से पूरे हिंदू धर्म में इस त्यौहार को भारत के साथ-साथ जहां भी दुनिया के कोने-कोने में हिंदू बसे हैं वहां इस त्यौहार को लोग बड़े ही श्रद्धा के साथ उत्सव के रूप में मनाते हैं। भगवान श्री गणेश की कृपा से सुख शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि श्री गणेश चतुर्थी के दिन व्यक्ति को काले और नीले रंग का वस्त्र धारण नहीं करना चाहिए। इस दिन लाल या पीले रंग का वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

कब है गणेश चतुर्थी 2021 के पूजन की शुभ मुहूर्त ?

10 सितंबर को गणेश चतुर्थी के पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से शुरू होगी जो रात के 10:00 बजे तक रहेगा।

गणेश चतुर्थी में श्री गणेश की पूजन विधि

गणेश चतुर्थी के दिन प्रातः काल सूर्योदय से पहले स्नान कर ले। इसके बाद व्रत का संकल्प लेते हुए श्री गणेश का ध्यान करें और श्री गणेश का आराधना करें। शुभ मुहूर्त में दोपहर के समय एक साफ चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर इसके ऊपर गणेश जी की मूर्ति या फिर गणेश जी की तस्वीर को स्थापित करें। पूजन के लिए हमेशा नई मूर्ति और तस्वीर को ही स्थापित करें। इसके बाद गंगाजल का छिड़काव कर पूरे स्थान को पवित्र करें। श्री गणेश का पुष्प की मदद से जल अर्पित करते हुए आह्वान करें। श्री गणेश पर लाल रंग का कपड़ा चढ़ाएं। इसके बाद लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूध, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, नारियल और मिठाई भगवान को समर्पित करें। भगवान गणेश को मोदक सबसे प्रिय है, इसका भोग लगाकर उन्हें प्रसन्न करें। सभी चढ़ावे के बाद भगवान गणेश का धूप, दीप और अगरबत्ती से आरती करें। इन सबके बाद मंत्र का जाप करें और कथा का वाचन करें।

गणपति स्थापना और विसर्जन पूजा : 10 से 19 सितंबर

भगवान गणेश को लगाए भोग

भगवान गणेश का पूजन करते समय दूब, घास, गन्ना और बूंदी के लड्डू अर्पित करने चाहिए क्योंकि हम सब जानते हैं कि भगवान श्री गणेश का सबसे प्रिय मिठाई मोदक होता है। भगवान श्री गणेश को श्रद्धा के साथ मोदक का भोग लगान लगावें।

मंत्र जाप
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
ऊँ श्री गं गणपतये नमः 

इस मंत्र का जप करके भगवान श्री गणेश का पूजन करें और इसी मंत्र से भगवान श्री गणेश को ध्यान लगावे।

भगवान गणेश को भूल कर भी तुलसी ना चढ़ाएं

कहा जाता है कि गणपति को तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए क्योंकि मान्यता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को लंबोदर और गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव दिया था। इससे नाराज होकर गणपति ने उन्हें श्राप दे दिया था।

गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन ना करें

पुराने समय से ऐसी मान्यता चलती आ रही है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करनी चाहिए। अगर भूलवश चंद्रमा के दर्शन कर भी लें तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की ओर फेंक दें। इससे दोष कट जाते हैं।

गणेश चतुर्थी के दिन कौन सा वस्त्र पहने और कौन सा वस्त्र ना पहनें

गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी पूजा में किसी भी व्यक्ति को नीले और काले रंग का कपड़ा नहीं पहनना चाहिए। गणेश चतुर्थी के शुभ मुहूर्त पर लाल और पीले रंग का कपड़ा पहनना शुभ माना जाता है।

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