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Home ›   Blogs Hindi ›   Dwadash Jyotirling: Significance of darshan and worship of Dwadash Jyotirling in Sawan

Dwadash Jyotirling: सावन में द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन का महत्व

my jyotish expert Updated 25 Jul 2023 11:33 AM IST
Dwadash Jyotirling: सावन में द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन का महत्व
Dwadash Jyotirling: सावन में द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन का महत्व - फोटो : google
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सावन माह के समय भगवान शिव का पूजन विशेष होता है. इसी समय के दौरान भक्त भगवान के ज्योतिर्लिंग के दर्शनों के लिए यात्राएं करते हैं. अधिकांश समय सावन के दौरान किया जाने वाला ज्योतिर्लिंग दर्शन बहुत ही शुभ प्रभाव देने वाला होता है. इन सभी ज्योतिर्लिंगों का नाम जपने पर भी इसका विशेष फल बताय अगया है. देश भर में अनेक स्थानों पर यह ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं जो भक्तों का बेहद विशिष्ट समय होता है.  

लंबी आयु और अच्छी सेहत के लिए इस सावन सोमवार उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में कराएं रुद्राभिषेक 04 जुलाई से 31अगस्त 2023

सौराष्ट्र सोमनाथ च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्.
उज्जयिन्यं महाकालम् ओंकारम् अमलेश्वरम् ॥
परल्यं वैद्यनाथं च डाकिन्या भीमाशंकरम्.
सेतुबंधे तू रमेश नागेश दारुकावने.
वरानस्य तु विश्वेषम् त्र्यम्बकं गौतमितते.
हिमालय तु केदार घुश्मेश च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पथेनार.


सारी इच्छाओं को पूरा करने के लिए इस सावन बाबा बैद्यनाथ में कराएं रुद्राभिषेक - 04 जुलाई से 31 अगस्त 2023

शिव पुराण में इन नामों का उल्लेख मिलता है.  जो भक्त इस माह में प्रतिदिन शिवलिंग की पूजा करता है और व्रत रखते हैं तो उस समय इन ज्योतिर्लिंगों का नाम स्मरण करना ही इन के दर्शनों के फलों को प्रदान करता है. ज्योतिर्लिंगों का पूजन करने से भगवान शिव मनोकामनाएं पूरी करते हैं. उज्जैन, काशी, महाराष्ट्र इत्यादि सहित भारत के कई धार्मिक स्थानों पर ज्योतिर्लिंग मौजूद हैं आईये जानें इन 12 ज्योतिर्लिंगों के विषय में और पाएं इनका नाम स्मरण का फल 
 
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग सौराष्ट्र में स्थित है.यह ज्योतिर्लिंग भारत का ही नहीं बल्कि पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है. इसकी पूजा करने से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य फल मिलता है.

श्री मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
श्रीमल्लिकार्जुन आंध्र प्रदेश में विराजमान हैं. श्रीशैल पर्वत पर स्थित इस मंदिर के पास कृष्णा नदी बहती है. शिव पुराण में बताया गया है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. 

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग सभी इच्छों को पूर्ण कर देने वाला होता है.कहा जाता है कि एकमात्र ऐसा शिवलिंग है, जो दक्षिणमुखी है. काल के भय से मुक्ति के लिए यह स्थान श्रेष्ठ है.

ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग को स्वयंभू माना जाता है. यह ज्योतिर्लिंग ओंकार अर्थात ॐ के आकार का है, इस कारण इस ज्योतिर्लिंग को ओंकारेश्वर कहा जाता है.

सावन माह पर सरसों के तेल का अभिषेक दिलाएगा कर्ज मुक्ति, शत्रु विनाश और मुकदमों में जीत 04 जुलाई से 31अगस्त 2023

केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग का वर्णन स्कंद पुराण और शिव पुराण में मिलता है. इसका दर्शन करने से मनोकामनाएं संपूर्ण होती हैं तथा शुभता की प्राप्ति होती है.

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
श्री भीमाशंकर पुणे में भीमा नदी के तट पर सह्याद्रि पर्वत पर है.  

काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
श्री विश्वनाथजी सबसे प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं. काशी वर्णन में इसका बहुत सुंदर उल्लेख मिलता है. काशी विश्वनाथ शिवलिंग दर्शन से मोक्ष की प्राप्ति होती है.     

सावन माह में भोलेनाथ को प्रसन्न करने हेतु काशी में कराएं रुद्राभिषेक - 04 जुलाई से 31 अगस्त 2023
 
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक में स्थित है. गोदावरी के तट पर ब्रह्मगिरि के निकट स्थापित यह स्थान बेहद पवित्र धाम कहलाता है. इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं.

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