कृष्ण जन्माष्टमी के दिन जरूर करें ये उपाय, मिलेगा संतान प्राप्ति का सुख
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था और इस दिन कृष्ण के बाल गोपाल स्वरुप का विधिा-विधान से पूजन किया जाता है. भाद्रपद माह की अष्टमी के दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था और हर साल इस दिन कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 18 और 19 अगस्त दो दिन मनाया जाएगा. क्योंकि इस माह अष्टमी 18 अगस्त की रात को शुरू होगी और 19 अगस्त की रात को समाप्त होगी. ऐसे में कुछ जगहों पर जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाई जाएगी तो कुछ जगह 19 अगस्त को कृष्ण जन्माष्टमी होगी.
इस शुभ अवसर के दिन यदि संतान सुख प्रप्ति हेतु कुछ उपायों को किया जाए तो जीवन में संतान का सुख अवश्य प्राप्त होता है. विवाह पश्चात पति-पत्नी की इच्छा होती है कि उन्हें संतान सुख मिले, लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी महिलाएं मां नहीं बन पाती हैं. वहीं ग्रहों के अशुभ फल भी संतान सुख में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं. इसलिए अगर आप भी अपने घर में संतान की किलकारी की आवाज सुनना चाहते हैं तो जन्माष्टमी के दिन कुछ उपायों को अवश्य करें. जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरुप बाल गोपाल का पूजन किया जाता है. भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रोहिणी नक्षण में हुआ था. इसलिए इस दिन भगवान के बाल स्वरुप का पूजन संतान प्राप्ति का प्रथम मार्ग बनता है और मान्यता है कि इस दिन किए गए कुछ उपाय करने से दंपत्ति को विशेष लाभ होता है.
आज ही करें बात देश के जानें - माने ज्योतिषियों से और पाएं अपनीहर परेशानी का हल
संतान गोपाल स्तोत्र - जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के पूजन के साथ ही संतान गोपाल स्तोत्र का पाठ अवश्य करें. यदि संभव हो सके तो किसी पंडीत द्वारा इस का जाप करवाएं अन्यथा स्वयं ही इसे घर पर करें. साथ ही ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शीघ्र संतान सुख की प्राप्ति के लिए स्त्री को प्रतिदिन स्नान करके गोपाल सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए. संतान सुख के लिए इस स्त्रोत का पाठ करना बहुत ही शुभदायक माना जाता है.
गाय और बछड़े की सेवा करें - जन्माष्टमी के दिन गाय की सेवा के साथ उसकी संतान की सेवा भी करनी चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि विवाह के कई वर्ष बाद भी संतान को सुख नहीं मिल रहा हो तो जन्माष्टमी के दिन गाय के साथ बछड़े की सेवा करना शुभ माना जाता है. साथ ही अपना आधा भोजन गाय को खिलाएं और संतान सुख पाने हेतु प्रार्थना करनी चाहिए.
गुरुवार का व्रत - इस वर्ष जन्माष्टमी का समय बृहस्पतिवार को पड़ रहा है अत: यह एक बहुत ही शुभ अवसर होगा. ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति ग्रह को आपके वैवाहिक जीवन और संतान सुख का कारक माना गया है. ऐसे में कई बार बृहस्पति ग्रह की कुंडली में कमजोर स्थिति भी संतान के सुख में बाधा बन सकती है. इसलिए जो दंपत्ति संतान सुख से वंचित हैं उन्हें गुरुवार का व्रत करना चाहिए और इस दिन पीली वस्तु जैसे गुड़ आदि का दान करना चाहिए. साथ ही गुरुवार के दिन पूजा में पति-पत्नी दोनों को पीले वस्त्र धारण करने चाहिए. जन्माष्टमी के पर्व में बृहस्पति का दिन होना संतान सुख में वृद्धिदायक बन रहा है.
ये भी पढ़ें
-
Gupt Navratri 2022 : आषाढ़ का गुप्त नवरात्रि में भूल से भी न करें ये गलतियां
-
Devi: देवी छिन्नमस्ता के स्मरण मात्र से होता जाता है शत्रुओं का नाश
-
Jyotish Remedies: जानें सप्ताह के किस दिन कौन से रंग के वस्त्र धारण करना होता है शुभ
-
Vastu Shastra: स्वस्थ और सुखी जीवन का रहस्य वास्तु शास्त्र में निहित है
-
Panchang 26 March 2022: आज के पंचांग से जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
-
जानें किन 6 राशियों का भाग्य होगा उदय, कैसे चमकेगा भाग्य का सितारा