हिंदू धर्म में हर तीज-त्योहार का अपना अलग महत्व होता है।हर व्रत और त्योहार किसी ना किसी देवी देवता को समर्पित होता है। कुछ व्रत सिर्फ सुहागिन महिलाओं के लिए ही होता है। उसमे से एक हरितालिका तीज व्रत है। धार्मिक मान्यतायों के अनुसार इस व्रत को रखने से पति को दीर्घायु और सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भादो माह में हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। उस दिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती है।
माता पार्वती ने महादेव को पति के रूप में पाने के लिए व्रत किया था। हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां जरूर रखती हैं। इस व्रत के प्रभाव से पति की उम्र दीर्धायु होती है, और सुखी जीवन का वरदान प्राप्त होता है। हरतालिका तीज की डेट को लेकर कंफ्यूजन है आइए जानते है की किस डेट को हरितालिक तीज व्रत है।
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हरतालिका तीज 2022 तारीख और मुहूर्त
भादो माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को 29 अगस्त 2022 दिन सोमवार को शाम 03 : 21 मिनट से आरम्भ होगा।
भादो माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को 30 अगस्त 2022 दिन मंगलवार को शाम 3 : 34 मिनट पर समाप्त होगा।
उदया तिथी के अनुसार हरतालिका तीज का उपवास 30 अगस्त 2022 दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।
हरितालीक तीज का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त 2022 के सुबह 6 : 05 मिनट से 8 : 38 मिनट तक है।
हरितालिका तीज का प्रदोष काल मुहूर्त 30 अगस्त 2022 दिन मंगलवार के शाम में 6 : 33 मिनट से रात के 8 : 51 तक है।
हरतालिका तीज 2022 संयोग
इस साल हरतालिका तीज पर शुभ योग और हस्त नक्षत्र का संयोग बन रहा है। शुभ योग 30 अगस्त को 01 : 04 AM से 31 अगस्त 2022 को 12.04 AM तक रहेगा। इस योग में महादेव और पार्वती की पूजा से विशेष आशीर्वाद मिलता है। वहीं हरतालिका तीज के पर पूरे दिन हस्त नक्षत्र रहेगा।कहते हैं की इस नक्षत्र में 5 तारे आशीर्वाद की मुद्रा में होते हैं , तो इसलिए तीज पर व्रतधारी पर ग्रह नक्षत्र की भी कृपा रहेगी।इस दिन माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा की जाती है।
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हरतालिका तीज के नियम
हर व्रत करने के अपने कुछ नियम होते है। उसी नियम से ही हम व्रत करते है। नियम से किया गए व्रत के ही फल मिलते है। आइए जानते है की हरितालिका तीज व्रत करने के क्या नियम होते है :–
जो भी महिलाएं हरितालिका तीज व्रत एक बार शुरू कर देती है तो कभी इस व्रत को नहीं छोड़ती है। अगर ये व्रत किसी कारणवश नहीं कर पा रही है तो इस व्रत का उद्यापन कर के घर के दूसरी महिला को हतितालिका तीज व्रत दे देती है। ऐसा करने के बाद ही व्रत उद्यापन वाली महिला अब व्रत नहीं रहेगी। लेकिन उस दिन चाहे तो वो विधिवत पूजा कर सकती है।
हरतालिका तीज पर महिलाएं या कुंवारी कन्याएं निर्जला व्रत किया करती है।इस दिन अन्न, जल ग्रहण नहीं करते है। लेकिन अगर बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं है तो वो फलाहार और पानी पी सकते है। इनके लिए छूट है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन व्रतधारी को दिन और रात में सोने की मनाही है। रात्रि में जागरण कर भजन कीर्तन करें, महादेव और मां पार्वती का स्मरण करें।
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