इस सावन शिव मंत्रों के चमत्कारी लाभ से दूर होंगे रोग दोष
भगववान शिव को काल से सुरक्षा करने वाला देवत्व प्राप्त है. अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति की बात हो या फिर रोगों से बचाव पाने का प्रश्न इन सभी के लिए भगवान शिव का पूजन विशेष माना जाता है. किसी भी प्रकार के रोग कष्ट में भगवान शिव के मंत्र जाप संजीवनी का कार्य करते हैं. मंत्र का जाप परमात्मा से जुड़ने का सबसे अच्छा तरीका है क्योंकि इसमें भगवान की सारी ऊर्जा समाहित है. एक मंत्र जब सही ढंग से इसके अर्थ को समझते हुए जप किया जाता है तो मन को अनावश्यक तनाव, पीड़ा और उत्तेजना से बचाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है. भगवान शिव को समर्पित मंत्रों का जाप करने से हमें परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है.
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हिंदू देवताओं में, भगवान शिव विनाश के देवता हैं, और दया के प्रतीक हैं. वह बहुत आसानी से प्रसन्न भी हो जाते हैं. शिव मंत्र मुख्य रूप से भय को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है; विशेष रूप से परिवर्तन का डर. रोगों, दुखों, भय आदि से सुरक्षा के लिए शिव मंत्र का जाप किया जाता है. इस मंत्र के जाप से सफलता और सिद्धियां मिलती हैं. शिव मंत्र में व्यक्ति की आंतरिक क्षमता और शक्ति को बढ़ाने की शक्ति है.
शिव मंत्र शरीर, मन और आत्मा को उन सभी कष्टदायक चीजों जैसे तनावों, असफलता, अवसाद और अन्य नकारात्मक शक्तियों से शुद्ध करने में मदद करता है जिनका हम अपने दैनिक जीवन में सामना करते हैं. जब कोई कमजोर और ऊर्जा की कमी महसूस करता है तो शिव मंत्र का जाप करना चाहिए; मानसिक और शारीरिक दोनों. जन्म कुंडली में मारक ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए शिव मंत्र जप भी एक ज्योतिषीय उपाय है. कई मंत्र भगवान शिव को समर्पित हैं और प्रत्येक मंत्र के अपने विशेष लाभ हैं.
"ऊँ नमः शिवाय"
यह भगवान शिव को समर्पित मंत्रों में सबसे प्रसिद्ध मंत्र है इसे पंचाक्षरी शिव मंत्र भी कहा जाता है. इसका अर्थ है कि मैं भगवान शिव को नमन करता हूं. अपने शरीर को शुद्ध करने और भगवान शिव के आशीर्वाद का आह्वान करने के लिए इस मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करना चाहिए. इस मंत्र को घर पर परिवार के साथ शिव अभिषेक के साथ करना बहुत ही शुभ होता है. ऊँ नमः शिवाय मंत्र की महिमा को शब्दों में बयां करना मुश्किल होगा, इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है. किसी रोग या बीमारी से पीड़ित होने पर, या दाम्पत्य जीवन में कलह होने, परिवार में कलह होने पर भगवान शिव के इस प्रिय मंत्र ऊँ नमः शिवाय का जाप करना लाभकारी होता है.
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“ ॐ हौं जूं सः पालय पालय सः जूं हौं ॐ”
वेदों में भगवान शिव के इस मंत्र को बहुत शक्तिशाली माना गया है, अकाल मृत्यु का भय होने पर, गंभीर रोग से पीड़ित होने पर या मोक्ष प्राप्ति के लिए इस मंत्र का जाप करना बहुत ही फलदायी होता है. शिवलिंग के सामने बैठकर इस मंत्र का जाप करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. इस मंत्र का जाप व्यक्ति को गंभीर बीमारियों से बचाता है्
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