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Chhath Puja 2022: छठ पूजा में जानिए स्नान और खरना की तिथि के साथ सूर्य अर्घ्य का समय

Myjyotish Expert Updated 29 Oct 2022 12:00 PM IST
Chhath Puja 2022: छठ पूजा में जानिए स्नान और खरना की तिथि के साथ सूर्य अर्घ्य का समय
Chhath Puja 2022: छठ पूजा में जानिए स्नान और खरना की तिथि के साथ सूर्य अर्घ्य का समय - फोटो : google
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Chhath Puja 2022: छठ पूजा में जानिए स्नान और खरना की तिथि के साथ सूर्य अर्घ्य का समय


छठ पूजा का त्योहार शुक्रवार से देशभर में बहुत ही उल्लास एवं भक्ति के साथ मनाया जाता है. लोक भावनाओं से जुड़ा यह पर्व जीवन में सभी प्रकार के सुखों की पूर्ति करता है. भगवान सूर्य और छठी मैय्या को समर्पित छठ त्योहार हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के छठे दिन मनाया जाता है.

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यह पर्व चार दिनों तक चलता है. इस साल यह 28 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर तक चलेगा. छठ पूजा में संतान के स्वास्थ्य, सफलता और लंबी उम्र के लिए कई घंटे का निर्जला व्रत रखा जाता है. इस व्रत को महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी करते हैं.

नहाय खाय से आरंभ होता है छठ 
कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि को स्नान किया जाता है। छठ पर्व पर बच्चों के सुख-समृद्धि और लंबी उम्र के लिए सूर्य देव और षष्ठी माता की स्तुति की जाती है. स्नान के बाद नए कपड़े पहनकर पूजा के बाद लोग चना, दाल, कद्दू की सब्जी को विशेष रुप से उपयोग में लाया जाता है. 
कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि के पहले दिन स्नान किया जाता है. इस वर्ष चतुर्थी तिथि 28 अक्टूबर को है. ऐसे में छठ पर्व शुक्रवार से शुरू हो जाएगा. स्नान के दिन महिलाएं घर की साफ-सफाई करती हैं. घर में प्रसाद के रूप में चने की दाल, लौकी की सब्जी और चावल तैयार किए जाते हैं. इस खाने में सेंधा नमक का इस्तेमाल किया जाता है.

खरना समय 
खरना छठ पर्व का दूसरा दिन होता है. इस बार खरना 29 अक्टूबर को है. इस दिन महिलाएं गुड़ की खीर का प्रसाद बनाकर रात में इसका सेवन करती हैं. इसे प्रसाद के रूप में भी बांटा जाता है. इसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है.

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छठ पूजा का प्रथम अर्घ्य
छठ पूजा के तीसरे दिन सूर्यास्त के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है. व्रत रखने वाली महिलाएं या पुरुष जल में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं. इस दिन सूर्यास्त का समय शाम 05:37 है. छठ पूजा का पहला अर्घ्य अत्यंत विशेष होता है. यही वह समय है जब अस्त सूर्य को भी विशेष रुप से पूजा जाता है. 

छठ पूजा का दूसरा अर्घ्य
चौथे दिन भक्त जल में खड़े होकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसके बाद छठ पूजा समाप्त होती है. फिर व्रत तोड़ा जाता है. इस दिन सूर्योदय का समय प्रातः 06.31 बजे है. इस समय पर पूजा एवं व्रत की समाप्ति का समय होता है. उगते सूर्य को अर्घ्य देने पर व्यक्ति के जीवन की सभी समस्याओं का नाश होता है तथा रोग दोष से मुक्ति प्राप्त होती है. 
 

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