Chandra Grahan 2022 : साल का आखिरी चंद्र ग्रहण का सूतक काल शुरू हो चुका है, इस ग्रहण से जुड़ी अहम बातें यहां पढ़ें
सूर्य ग्रहण के बाद इस साल का आखरी चंद्र ग्रहण है, जो चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 दिन मंगावल को लग रहा है। चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक ही सीध में आ जाते हैं और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है, तो उस स्थिति को चंद्र ग्रहण लगता है।
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चंद्र ग्रहण की शुरुआत दोपहर के 2 : 38 मिनट से शाम के 4 : 23 मिनट तक ईटानगर में चंद्रोदय के साथ ही ग्रहण दिखाई देगा। चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। आइए इस बारे में विस्तृत जानते है।
कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण ?
इस साल का ये आखरी चंद्र ग्रहण भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी देखा जायेगा। साल का आखरी चंद्र ग्रहण सबसे पहले अरुणाचल प्रदेश में देखा जायेगा। देश के पूर्वी भाग कोलकाता, पटना, ईटानगर, रांची कोहिमा, पटना, पुरी, रांची, ईटानगर के आसपास के शहरों में पूर्ण चंद्र ग्रहण और शेष भारत में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा।
दुनिया में चंद्र ग्रहण :–
ऑस्ट्रेलिया,उत्तर-दक्षिण अमेरिका, उत्तरी-पूर्वी यूरोप,एशिया,प्रशान्त महासागर में भी चंद्र ग्रहण का असर दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब शुरू होगा?
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चंद्र ग्रहण का सूतक लगभग 9 घंटे पहले ही सुबह 9 : 21 मिनट लग जाएगा। हिंदू धर्म में सूतक काल के समय कोई भी काम नहीं करते है क्योंकि माना जाता है की सूतक काल का समय पृथ्वी को पूरी तरह से दूषित कर देता है। सूतक काल के समय व्यक्तियों को सावधानी बरतनी चाहिए।भारत में चंद्र ग्रहण का समय अलग-अलग देखा जा रहा है। चंद्र ग्रहण की शुरुआत 9 : 21 मिनट से हो रहा ही और 6 : 18 पर चंद्र ग्रहण समापन हो रहा है।
भारत में चंद्र ग्रहण का समय शाम के 4 : 23 मिनट से 6 :18 मिनट तक है।
चंद्र ग्रहण-सूतक में क्या करें
चंद्र ग्रहण के समय में आप पूजा पाठ नहीं कर सकते है। लेकिन आप जहां भी है वही से मंत्रों का जाप कर सकते है। शास्त्रों में बताया गया है की आप चंद्र ग्रहण के समय इस मंत्र का जाप कर सकते है ;
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
या विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत। दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्।।
ग्रहण लगाने से पहले यानी सूतक काल से से पहले ही मंदिरों के द्वार बंद कर दे। पूजा के किसी भी समान को ना छुए। और जब ग्रहण समाप्त हो जाए तो पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर के कुछ दान पुण्य करें उसके बाद पूरे घर में गंगा जल का छिड़काव करें।
सूतक लगने से पहले अगर आपके रसोई घर में कुछ खाने पीने वाला चीज है , तो ऐसी मान्यता है की उस चीज में आप कुस, तुलसी पत्र या फिर को चीज जिस बर्तन में है उस बर्तन के बाहर गाय का गोबर बहुत ही थोड़ा सा लगा सकते है।
चंद्र ग्रहण सूतक में क्या ना करें
चंद्र ग्रहण के समय में आप भोजन करना वर्जित है। यह तक की सूतक के दौरान आप किसी भी प्रकार का कोई भी चीज का सेवन नहीं कर सकते है। लेकिन अगर कोई बुजुर्ग व्यक्ति है या फिर कोई रोगी है तो उसके लिए इन सबों की छूट है।
सूतक के समय ना ही भोजन बनाए और ना ही उसका सेवन करें क्योंकि ग्रहण काल का समय दूषित माना जाता है।
सूतक के समय आप किसी भी देव तुल्य पौधें को ना छुए और ना ही उस पौधें में पानी डाले।
सूतक काल में जो भी महिला गर्भवती है उनको विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। सूतक काल के दौरान इन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और ना ही किसी प्रकार का कोई भी काटने – पीटने का कार्य करना चाहिए।
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