पहले सबसे बड़ा कारण है बसंत ऋतु का आना कहा जाता है कि बसंत पंचमी के दिन से कड़कड़ाती ठंड खत्म होकर मौसम में परिवर्तन होता है हर तरफ पेड़ पौधे पर्यावरण और नई पत्तियां फूल कलियां सभी प्रकार के बदलाव देखे जाते हैं आसपास में परिवर्तन हो रहे होते हैं... इस समय गांव में सरसों की फसल की वजह से धरती पीली नजर आती है इस पीली धरती को ध्यान में रख लोग बसंत पंचमी का स्वागत पीले कपड़े पहन कर करते हैं
वहीं दूसरी मान्यता के अनुसार बसंत पंचमी के दिन सूर्य उत्तरायण होता है जिसकी पीली किरणे इस बात का प्रतीक है कि सूर्य की तरह गंभीर और प्रखर बनना चाहिए इन्हीं 2 वजहो से बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का खास महत्व रहता है इतना ही नहीं बसंत पंचमी के दिन पीला प्रसाद और खाना भी पीले रंग का ही बनता है....
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इस दिन लोग खासकर छात्र-छात्रा विद्या की देवी सरस्वती की आराधना करते हैं बच्चों की शिक्षा आरंभ करने ले किसी नई कला की शुरुआत के लिए इस दिन को काफी शुभ माना जाता है श्रद्धालु इस दिन पीले बसंती या सफेद वस्त्र धारण करते हैं और विद्या की देवी का पूजन करते हैं
कई मंदिरों में भी इस दिन मां सरस्वती की प्रतिमा को पीले रंग के वस्त्रों और आभूषणों से सजाया जाता है इस दिन मां सरस्वती की पूजा के साथ ही पीले वस्त्र तथा हल्दी का तिलक लगाने का विधान है इस पर्व में पीले रंग का अत्यधिक महत्व माना जाता है पीला रंग सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है फूलों पर वयार आ जाती है खेतों में पीली सरसों सब को अपनी और आकर्षित कर देती है लगता है कि खेतों में पीली चादर बिछी हुई है...
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त...
बसंत पंचमी की तिथि: 16 फरवरी 2021
पंचमी तिथि प्रारंभ: 16 फरवरी 2021 को सुबह 03 बजकर 36 मिनट से
पंचमी तिथि समाप्त: 17 फरवरी 2021 को दोपहर 05 बजकर 46 मिनट तक
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