अंगारकी चतुर्थी, क्या है जाने इसका शुभ मुहूर्त और मान्यता
अंगारकी चतुर्थी, मंगलवार के दिन पड़ने वालि चतुर्थी तिथि को अंगारकी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. यह एक शुभ दिन है जो मंगलवार को पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी को मनाया जाएगा. यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है और इसे अंगारकी संकष्टी चतुर्थी के नाम से इस कारण जाना जाता है क्योंकि यह मंगलवार के दिन पड़ रही होती है. यह पर्व हिंदू कैलेंडर में प्रत्येक चंद्र माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष पर किया जाता है.
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अंगारकी चतुर्थी 2022 तिथि 13 सितंबर मंगलवार के दिन मनाई जाएगी. चतुर्थी तिथि का समय: 13 सितंबर, 10:37 पूर्वाह्न - 14 सितंबर, 10:25 पूर्वाह्न रहेगा. सभी गणेश चतुर्थी के दिनों में अंगारकी चतुर्थी को सबसे शुभ माना जाता है. यह दिन मराठी संस्कृति के अनुयायियों के लिए बहुत महत्व रखता है और इस त्योहार का उत्सव भारत के पश्चिमी क्षेत्रों में विशेष रूप से प्रसिद्ध है. महाराष्ट्र में, अंगारकी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के मंदिरों में विशेष व्यवस्था की जाती है.
अंगारकी चतुर्थी महत्व
अंगारकी संस्कृत मूल का एक शब्द है जिसका अर्थ है 'लाल जैसा जलता हुआ अंगारा . हिंदू भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने और व्रत रखने से उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस प्रकार अंगारकी चतुर्थी मुक्ति का दिन है.
हिंदू पौराणिक कथा में यह बताया गया है कि कैसे भगवान गणेश ने इस दिन भगवान मंगल को आशीर्वाद दिया था. इसलिए इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को भगवान गणेश और भगवान मंगल दोनों की कृपा प्राप्त होती है. ऐसा व्यक्ति कभी भी समस्याओं का सामना नहीं करेगा और एक संतुष्ट और शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत करेगा.
अंगारकी चतुर्थी पूजा अनुष्ठान
अंगारकी चतुर्थी पर भक्त जल्दी उठकर स्नान करते हैं. वे मिट्टी, तांबे या यहां तक कि सोने से बनी भगवान गणेश की मूर्ति की पूजा करते हैं. उचित अनुष्ठानों और प्रसाद के साथ उनकी पूजा की जाती है. भगवान गणेश की पसंदीदा मिठाई मोदक को तैयार किया जाता है और भक्तों के बीच प्रसाद के रुप में वितरित किया जाता है. अंगारकी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत रखते हैं.
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अंगारकी चतुर्थी व्रत चंद्रमा को देखने और भगवान गणेश की पूजा करने के बाद समाप्त होता है. भक्त इस दिन चंदन, अक्षत और फूलों से चंद्रमा भगवान की पूजा भी करते हैं. इस दिन भगवान गणेश को समर्पित वैदिक मंत्रों का पाठ किया जाता है. अंगारकी चतुर्थी पर मंगल स्त्रोत, गणपति स्त्रोत का पाठ करना अत्यंत फलदायी होता है. इस दिन भगवान गणेश की स्तुति में भजन भी गाए जाते हैं.
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