पुणे के 8 गणेश मंडलों का फैसला , जम्मू-कश्मीर की 8 जगहों पर करेंगे बप्पा की पूजा
गणपति देवताओं में पूज्यनीय है। उन्हें शुभता का प्रतीक माना जाता है। पुणे में गणेश उत्सव का 2 साल से वेट हो रहा था। अब वो भी समय आ गया। पुणे के आठ सार्वजनिक गणेश पूजा समितियों ने एक बड़ा फैसला किया है, कि वे जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग आठ ठिकानों पर भगवान गणेश की मूर्तियां बैठाएंगे और सार्वजनिक गणेश पूजा का आयोजन करेंगे। बताया जा रहा है की इन आठ ठिकानों में श्रीनगर का लालचौक , पुलवामा , कुपवाड़ा, बारामूला, अनंतनाग , खुरहान , शोपियां शामिल है।
इसके पीछे जो मकसद बताया गया है, वो अहम है। लोकमान्य तिलक ने गणेश पूजा की शुरुआत राष्ट्रीय-सांस्कृतिक चेतना जगाने और देशप्रेम बढ़ाने के लिए की थी। इसके बाद गणेश पूजा की यह परंपरा देश भर में फैल गई। अब इन गणेश मंडलों का मकसद जम्मू-कश्मीर में भी ऐसी चेतना बढ़ाने की है। लेकिन इस उत्सव का इस साल होने की संभावना नहीं दिखाई दे रही है। क्योंकि ये बड़ा फैसला आज ही किया गया है और अमल होने में भी समय लगता है तो ये इस फैसले पर अगले साल काम होगा। पुणे के इन आठों गणेशोत्सव मंडलों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के यह जानकारी दी।
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लाल चौक में भी होगी गणेश पूजा, घाटी में गूंजेगा गणपति बप्पा मोरया
जम्मू-कश्मीर सार्वजनिक गणेशोत्सव के लिए मूर्तियां पुणे में ही बनाई जाएंगी और उन्हें जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग जगहों में ले जाकर स्थापित किया जाएगा। शुरुआत में डेढ़ दिन के लिए गणपति बैठाए जाएंगे। पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ लड़ाई को ताकत देने के लिए और कश्मीरी लोगों का उत्साह बढ़ा कर उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा से और भी ज्यादा तेजी से जोड़ने के लिए यह योजना तैयार की गई है।
जम्मू-कश्मीर में यहां-यहां बप्पा विराजेंगे, ढोल और ताशे बाजेंगे
जम्मू-कश्मीर में जिन आठ ठिकानों को गणेशोत्सव के लिए चुना गया है। उनमें श्रीनगर का लाल चौक, पुलवामा, कुपवाड़ा, बारामूला, अनंतनाग, खुरहान और शोपियां शामिल हैं। आठों गणेश मंडलों ने मिलकर यह फैसला किया है कि इस काम के लिए वे पुणे में मोरया कार्यकर्ता मंच बनाने जा रहे हैं।यह मंच कार्यकर्ताओं को रोजगार दिलाने में भी मदद करेगा। यह तक गणेशोत्सव समिति के कार्यकर्ताओं को 3–4 लाख रुपए तक कर्ज लेने की भी सुविधा है। इस साल के लिए इन आठों गणेशोत्सव समितियों ने देशवासियों को गणेश पूजा मिलजुल कर और भाईचारे से मनाने की सलाह और शुभकामनाएं दी हैं। ये एक नया अवसर होगा हम सब के लिए जब जम्मू– कश्मीर में गणेश उत्सव मनाया जाएगा।
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