लाभ-
श्राद्ध पूजा की विधि इस प्रकार रहेगी -
सर्वप्रथम पितरो की मुक्ति के लिए तर्पण किया जाएगा उनको भोग लगाया जाएगा इन पांच को भोग मे किया जाएगा शामिल
गाय का भोजन
ब्राह्मणो का भोजन
चीटियों का भोजन
कौए का भोजन
कुत्ते का भोजन
पितृ पक्ष में अपने पूर्वजों के देहांत की तिथि को श्राद्ध कराने का प्रावधान है, लेकिन यदि आप वो तिथि या दिन भूल गए हैं तो आप पितृ पक्ष की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या पूजा करा के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। पूर्वजों का श्राद्ध न करने पर पितर, पितृ योनि से प्रेत योनि में आ जाते हैं। अतः अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए व स्वयं के पितृ दोष निवारण के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध कराना अत्यंत आवश्यक होता है।
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