पूजा के लाभ-
कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। इस बार यह तिथि16 मार्च को पड़ रही है। इसे कालाष्टमी या भैरवाष्टमी भी कहते हैं। इस दिन कालभैरव यानि भगवान शिव के रौद्ररूप की पूजा की जाती है। भगवान भोलेनाथ ने बुरी शक्तियों के नाश के लिए रौद्ररूप धारण किया था। कालाष्टमी के दिन भगवान भैरवनाथ की पूजा करने से हमारे जीवन से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। वाराणसी के काशी में भगवान काल भैरव का प्रसिद्ध मंदिर है। कालाष्टमी के दिन यहां पूजा करने का विशेष प्रावधान है। इनके दर्शन और पूजन मात्र से ही भक्तों की सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
हमारी सेवाएं-
पंडित जी पूरे विधि-विधान से भगवान कालभैरव की पूजा संपन्न करवाएंगे। यह पूजा वाराणसी के कालभैरव मंदिर में होगी। पूजा से पहले पंडित जी आपको कॉल पर संकल्प करवाएंगे। पूजा की सारी सामाग्री पंडित जी की तरफ से होगी। पूजा के बाद प्रसाद भिजवाया जाएगा।
प्रसाद-
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