पूजा के शुभ फल :
संकट का तुरंत करें समाधान दस महाविद्याएं
गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं का पूजन बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इस दौरान हर इच्छा पूर्ण हो जाती है। किसी भी प्रकार का कष्ट भक्तों को नहीं सताता। प्रत्येक देवी के पूजन का अपना महत्व है, हर देवी आशीर्वाद स्वरुप अपने भक्तों को एक ख़ास तोहफा प्रदान करती है।
आदिशक्ति पीठ माँ ललिता देवी मंदिर, अट्ठासी हजार ऋषियों की पावन तपोभूमि नैमिषारण्य
नैमिषारण्य जोकि विश्व का केंद्र भी माना जाता है। मान्यता के मुताबिक यहां भगवान् ब्रह्मा जी का चक्र गिरा था। इस लिए इसे चक्रतीर्थ के नाम से जाना जाता हैं। नवरात्र के दिनों के अलावा भी यहां पर लोग स्नान करके मां ललिता देवी के दर्शन करने आते है। नवरात्र के दिनों में यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता हैं। इस स्थान पर माता सती श्री विग्रह लिंगधारिणी के रूप में प्रतिष्ठित है।
इन 10 देवियों में शामिल है।
माँ काली :
इनका पूजन करने से अकाल मृत्यु का डर समाप्त हो जाता है। देवी की कृपा से भक्तों की किसी प्रकार की कमी नहीं होती है।
माँ तारा :
इन्हे तारिणी के नाम से भी जाना जाता है, कहा जाता है की यह अपने भक्तों को अपने बच्चों के समान हर चिंता से मुक्त रखती है। साथ ही इनके पूजन से मोक्ष का आशीर्वाद भी मिलता है।
माँ त्रिपुरा :
इन्हे स्वयं परम पालनहाराणी के रूप में पूजा जाता है। इनके आशीर्वाद से हर प्रकार का दुःख भक्तों के जीवन से दूर हो जाता है।
माँ भुवनेश्वरी :
ये देवी बहुत ही कम प्रसन्न होती है परन्तु एक बार यदि ये प्रसन्न हो गयी तो अपने भक्तों की हर कामना को पूर्ण कर देती है।
माँ छिन्नमस्ता :
इनका पूजन बहुत ही तीव्र माना जाता है। कहा जाता है की यह देवी तुरंत ही अपने भक्तों के शत्रुओं का नाश कर देती। इनकी आराधना से कोर्ट और क़ानूनी मामलों से तुरंत छुटकारा मिल जाता है।
माँ त्रिपुर भैरवी :
यह देवी आपने भक्तों की समस्त काली शक्ति से बचाव दिलाती है। भूत - प्रेत जैसे बलाएं इनके भक्तों के आस - पास भी नहीं आती है।
माँ धूमावती :
यह देवी अपने भक्तों का घर - भण्डार सदैव भरा रखती। इनके भक्तों को कभी भी दरिद्रता का सामना नहीं करना पड़ता। यदि किसी ने कोई काला जादू कर दिया हो तो वह समस्या भी इनके पूजन से दूर हो जाती है।
माँ बगलामुखी :
इन्हे शत्रुओं का नाश करने वाली देवी कहा जाता है। यह अपने भक्तों के समस्त दुःख हर लेती है और उन्हें सफलता प्रदान करती है।
माँ मातंगी :
यह देवी का सौम्य स्वरुप है। यह अपने भक्तों को बहुत ही प्रेम से रखती है, उनकी हर मनोकामना को पूर्णकर स्नेह और प्रेम का जगत में संचार करती है।
माँ कमला :
इनके पूजन से संसार का समस्त सुख प्राप्त होता है। यह देवी धन, ऐश्वर्या और सुख - समृद्धि की दात्री है।
हमारी सेवाएं :
हमारे पंडित जी द्वारा अनुष्ठान से पूर्व संकल्प करवाया जाएगा। साथ ही पूर्ण विधि - विधान से महाविद्याओं का अनुष्ठान अष्टमी के दिन संपन्न किया जाएगा।
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