1- वास्तु में मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में कन्याओं को देवी का रूप मानकर आदर-सत्कार करने एवं भोजन कराने से घर का वास्तुदोष दूर होता है, सुख-समृद्धि,ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। मनुष्य प्रकृति रूपी कन्याओं का पूजन करके साक्षात भगवती की कृपा पा सकते हैं। इन कन्याओं में माँ दुर्गा का वास रहता है।
वास्तु के अनुसार ईशान कोण(उत्तर-पूर्व)जल एवं ईश्वर का स्थान माना गया है और यहां सर्वाधिक सकारात्मक ऊर्जा रहती है। इस दिशा में कलश रखने से जल तत्व से जुड़े वास्तुदोष दूर होकर सुख-समृद्धि आती है।
भारतीय संस्कृति में नवरात्रि पर्व में व्रत-उपवास के साथ-साथ देवी के पूजा-पाठ का विधान है। चारों तरफ वातावरण में उत्साह और उल्लास होता है। मां दुर्गा की कृपा से जीवन में भय, विघ्न और शत्रुओं का नाश होकर सुख-समृद्धि आती है। जिन भवनों में वास्तुदोष हो वहां सुख-शांति के लिए देवी मां की पूजा से घर के वास्तुदोष दूर हो जाते हैं, वहां मौजूद सभी बुरी शक्तियां भाग जाती हैं।
वास्तुविज्ञान के अनुसार मानसिक स्पष्टता और प्रज्ञा का दिशा क्षेत्र ईशान कोण यानि कि उत्तर-पूर्व दिशा को पूजा-पाठ के लिए श्रेष्ठ माना गया है। यहाँ माता रानी की पूजा करने से उपासक को पूजा का पूर्ण फल मिलता है,घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहेगा।
इस नवरात्रि, सर्व सुख समृद्धि के लिए कामाख्या देवी शक्ति पीठ में करवाएं दुर्गा सप्तशती का विशेष पाठ : 7 - 13 अक्टूबर 2021 - Durga Saptashati Path Online