गुरु के बाद सौरमंडल में शुक्र का नंबर आता है। आकाश में शुक्र ग्रह को आसानी से देखा जा सकता है। इसे संध्या और भोर का तारा भी कहते हैं। आकाश में सबसे तेज चमकदार तारा शुक्र ही है। ज्योतिष और वैज्ञानिकों का मानना है कि शुक्र की किरणों का हमारे शरीर और जीवन पर अकाट्य प्रभाव पड़ता है।
शुक्र हमारे जीवन में स्त्री, वाहन और धन सुख को प्रभावित करता है। यह एक स्त्री ग्रह है। पुरुष के लिए स्त्री और स्त्री के लिए पुरुष शुक्र है। हिन्दू धर्म में लक्ष्मी, काली और गुरु शुक्राचार्य को
शुक्र ग्रह से संबंधित माना जाता है।
लाल किताब के अनुसार कुंडली में शुक्र के दोषपूर्ण या खराब होने की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया गया है। यहां जानिए संक्षिप्त जानकारी।
शुक्र ग्रह का शुभ प्रभाव
ज्योतिष के अनुसार, यदि किसी की कुंडली में शुक्र ग्रह लग्न भाव में होता है, तो जातक को सौंदर्य प्राप्त होता है और शुक्र का प्रभाव उसे आकर्षक बनाता है। शुक्र के शुभ प्रभाव से जातक में रचनात्मकता आती है और उसकी रूचि कलात्मक कार्यों में होती है। शुक्र के मजबूत स्थिति में होने से जातक के प्रेम वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और इसी के साथ जातक की आर्थिक स्थिति भी मजबूत रहती है व उसको भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि स्पेशल - 7 दिन, 7 शक्तिपीठ में श्रृंगार पूजा : 7 - 13 अक्टूबर