भारत के ज्योतिष शास्त्र में हमारे आकाश मंडल में मौजूद कुल 12 राशियों और 9 ग्रहों का अध्ययन किया जाता है । मुख्य रूप से हर राशि का अपना एक अलग स्वामी ग्रह भी होता है । ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि व्यक्ति की जन्म राशि , उसके जन्म के समय और ग्रहों के नक्षत्र पर निर्भर करती है । मनुष्य के जन्म लेते ही उसका राशिफल जीवन भर के लिए उसके साथ जुड़ जाता है और हर राशिफल अपने विशेष जातक पर अपना प्रभाव डालता है । जिसकी मान्यता यह बताई जाती है कि राशियों के अनुसार ही किसी व्यक्ति के स्वभाव और उसके आने वाले कल के बारे में पता लगाया जा सकता है । इन्हीं राशियों के आधार पर ही ज्योतिषाचार्य व्यक्ति के आने वाले कल की गणना करते हैं और उससे जुड़े व्यक्तित्व जीवन के बारे में तमाम पहलुओं को भी बताते हैं । यदि उन पहलुओं में किसी भी तरह की अर्चने सामने दिखाई पड़ रही होती हैं तो ज्योतिषाचार्य उस जातक की राशि के अनुसार ही व्यक्ति को उन अर्चनो का भी उपाय बताते हैं । जिसका जातक समय चलते ही मूल रूप से उन उपायों का पालन भी करता है । जिससे व्यक्ति के व्यक्तित्व जीवन में पैदा हो रही अर्चने समाप्त हो जाती हैं या फिर उनका प्रभाव जातक के जीवन पर कम होने लगता है ।
हमारे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 12 राशियों में से कुल 3 राशियां ही ऐसी होती हैं जिनमें जन्मे लोगों की किस्मत और उनका व्यक्तित्व जीवन ज्योतिषी में काफी शानदार बताया जाता है । मेष राशि , सिंह राशि और वृश्चिक राशि इन तीनों ही राशि के जातक किस्मत के बाजीगर कहलाए जाते हैं। इन राशि वाले लोगों के बारे में कई बार अधिकतर लोगों से यह सुना जाता हैं कि ये लोग दमदार व चमकती किस्मत को लेकर पैदा हुए हैं साथ ही साथ इन तीनों ही राशियों के जातकों में नेतृत्व का गुण मौजूद होता है । यह लोग जहां भी जाते हैं उस जगह पर अपना आकर्षित करने वाला प्रभाव की छवि छोड़ आते हैं ।
आइए अब जानते हैं कि आखिरकार क्यों बताया जाता हैं इन तीन राशियों को किस्मत के सितारे : -
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