Sun and Mercury in Ashlesha Nakshatra -
क्या होता है नक्षत्र परिवर्तन? ज्योतिष विज्ञानं में नक्षत्र को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है व प्राचीन समय से ही नक्षत्रों की गणना की जाती है। किन्हे कहते हैं नक्षत्र? दरअसल आकाश में मौजूद तारों के समूह को नक्षत्र कहा जाता है। हमारे आकाश मंडल में कुल 28 नक्षत्र होते हैं जिनमें से एक होता है अश्लेषा। अश्लेषा का मतलब होता है आलिंगन। इस नक्षत्र को आकाश मंडल में नौवां स्थान प्राप्त हुआ है।
कर्क राशिफल के अंदर आने वाले इस नक्षत्र का स्वामी बुध को माना गया है। आपको बता दें 2 अगस्त 2021 यानी कि कल से बुध और सूर्य का आकाश मंडल में नक्षत्र परिवर्तन होने जा रहा है।
क्या है नक्षत्र परिवर्तन का समय:-
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, 2 अगस्त दिन सोमवार को सुबह 10:28 बजे बुध का ग्रह गोचर अश्लेषा नक्षत्र में अपना प्रवेश कर चुका होगा। वहीं इसी दिन रात में करीब 3:42 बजे सूर्य देव भी इस नक्षत्र में अपना प्रवेश कर रहे होंगे।
क्या प्रभाव पड़ सकता है नक्षत्र का?
ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक ग्रहों में देखे जाने वाले परिवर्तन का असर अक्सर लोगों की राशियों पर भी देखा जाता है। ग्रहों पर राज करने का अफसर भगवान सूर्य को प्राप्त हुआ है, वही राशियों को धन धान्य का प्रतिनिधित्व करने का अफसर बुध को मिला है। और ग्रहों में परिवर्तन की वजह से कुछ राशि के जातकों पर इसका सकारात्मक प्रभाव दिखाई पड़ता है।
ज्योतिष विद्वानों के मुताबिक इस गोचर से अगले 15 दिनों तक अच्छी बारिश होने की भी संभावना है
ज्योतिषआचार्यों के अनुसार, बुध ग्रह को संवाद, चतुरता, बुद्धि व दोस्ती का सबसे अच्छा कारक माना जाता है।
विद्वानों द्वारा ये कहा जा रहा है कि, ग्रहों का यह नक्षत्र परिवर्तन इन राशियों के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है।
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