जो सत बार पाठ कर कोई
कहा जाता है कि जब पहली बार तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा का पाठ किया तो मृत व्यक्ति जीवित हो उठा था। जो भी एक सौ आठ बारहनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसे महासुख की प्राप्ति होती है एवं वह स्वयं ही सिद्ध हो जाता है। आप सच्चे मन से, प्रात: शुद्ध तन व मन सेरोज़ या मंगलवार के दिन एक बार ही हनुमान चालीसा का पाठ करके हनुमान जी को प्रसन्न कर सकते हैं।
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