पितरों को करना है प्रसन्न तो जान ले ये जरूरी बातें
. यदि किसी की अकाल मृत्यु हुई जो बिल्कुल असम्भवी रूप में हो जैसे किसी दुर्घटना, हत्या, आत्महत्या इत्यादि जो अस्वाभाविक रूप से हुई हो उनका श्राद्ध चतुर्दशी तिथि को ही करना चाहिए चाहे मृत्यु की तिथि कोई भी हो।
. जिनकी मृत्यु सामान्य रूप से हुई हो उनका श्राद्ध कभी चतुर्दशी में नही करना चाहिए बल्कि अमावस्या या त्रयोदशी में ही करना चाहिए।
सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न -6 अक्टूबर 2021