• गोबलि
श्राद्ध के दिन पश्चिम दिशा की ओर गाय के लिए भोजन का ही एक हिस्सा निकाला जाता है। हमारे शास्त्रों में गाय को एक पवित्र माता के रूप में माना जाता है। और गाने में 33 कोटि के देवी देवताओं का वास माना जाता है। इसलिए ही गाय को भोजन कराने से सभी देवी देवताओं को संतुष्टि प्राप्त होती है। और यह मान्यता है कि व्यक्ति के मरने के बाद गाय ही यमलोक के बीच में आने वाली भयानक वैतरणी नदी को पार करवाती है। इसी वजह से एक हिस्सा गाय के लिए निकाला जाता है।
इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 20 सितम्बर - 6 अक्टूबर 2021