नवरात्रि (Navratri) के छठे दिन शनि ग्रह ने अपनी चाल बदल ली है। शनि पूरे 141 दिन बाद 11 अक्टूबर को मकर राशि (Makar Rashi) में मार्गी हो गए हैं। ज्योतिष शास्त्र अनुसार जिस तरह से शनि के राशि परिवर्तन का प्रभाव पड़ता है उसी तरह से वक्री शनि के मार्गी होने का भी सभी राशियों पर असर देखने को मिलता है। लेकिन शनि की इस चाल से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं शनि साढ़े साती (Shani Sade Sati) और शनि ढैय्या (Shani Dhaiya) से पीड़ित राशियों के लोग। ज्योतिष के जानकार एसके पांडे के अनुसर सोमवार 11 अक्टूबर को शनिदेव सुबह 07 बजकर 48 मिनट पर मकर राशि में मार्गी हुए हैं। जिसके चलते शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से प्रभावित राशियों को राहत मिलने के संकेत हैं।
शनि मार्गी क्या है?
शनि मार्गी से मतलब है शनि की सीधी चाल। शनि 23 मई 2021 से अपनी वक्री चाल चलना शुरू किए थे जो 11 अक्टूबर से अपनी सीधी दिशा में वापस आ गए हैं। वैदिक ज्योतिष में शनि का मार्गी होना एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। जिन लोगों को शनि की वक्री स्थिति के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ा था उन्हें शनि के मार्गी होने से कुछ राहत मिलेगी। शनि की सीधी चाल अमूमन शुभ फल लेकर आती है।
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