ज्योतिष शास्त्र की गणना (Astrology Calculation) , में सूर्य ग्रह (Sun Planet, चंद्र ग्रह (Moon Planet) और शनि ग्रह (Saturn Planet) का बेहद विशेष महत्व (Importance) होता है। किसी भी व्यक्ति की कुंडली में शनि अशुभ (Inauspicious) होने से उसके जीवन (Life) में कई प्रकार की परेशानियां (Problems) और विपत्तियां आने लगती हैं। नौ ग्रहों (Nine Planets) में शनि ग्रह सबसे धीमी (Slow) चाल चलने वाला ग्रह है। शनि ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए लगभग ढाई वर्ष ( Two and a half Years) का समय (Time) लेता है। ऐसा माना जाता है कि किसी भी राशि में शनि ग्रह के होने पर उस राशि पर करीब साढ़े सात वर्षों (Seven and a half years) तक शनि का प्रभाव (effect) लगातार बना रहता है व इसे ही शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है। हर व्यक्ति अपने जीवन काल (Life span) में कम से कम एक बार अवश्य ही शनि की दशा का सामना करता है। शनि ग्रह के किसी भी राशि में गोचर (Transit) करने पर एक साथ पांच राशियों (Zodiac Signs) पर असर पड़ता है। जिसके चलते 3 राशियों को शनि की साढ़ेसाती का सामना (Face) करना पड़ता है वही 2 राशियों पर शनि की ढैय्या चलती है।
शनि की साढ़ेसाती (Shani ki Sade Sati) किसी भी राशि पर तीन चरणों (Three stages) से होकर निकलती है। पहला चरण, दूसरा चरण और अंतिम तीसरा चरण।
तो आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि किन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है और किस चरण में चल रही है।
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