Guru Purnima 2021 - आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं। ऐसा मानते हैं कि इस दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। क्योंकि गुरु व्यास जी ने पहली बार मनुष्य जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था। इसलिए इन्हें हम प्रथम गुरु मानते हुए उनकी जन्मतिथि को व्यास पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा 24 जुलाई 2021 को सुबह 10:43 बजे से प्रारंभ होकर 24 जुलाई 2021 को प्रातः 8:06 बजे तक रहेगा। मगर उदया तिथि के कारणवश इसे 24 जुलाई को ही मनाया जाएगा। इस दिनांक को आषाढ़ मास का अंतिम शनिवार है। इस दिन शनि देव की पूजा का विशेष योग बन रहा है। गुरु पूर्णिमा का पर्व हमारे आदरणीय गुरुजनों को समर्पित है। इस दिन गुरु की पूजा और उपासना करते हैं। सभी तरह के धर्मों में गुरु का मुख्य स्थान हैं। गुरु के बिना कभी भी ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है। ज्ञान ही एक ऐसी चीज है जिससे जीवन को सरल व सुंदर बनाया जा सकता है।
ज्योतिष शास्त्र के विशेषज्ञों के अनुसार इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन शनि भगवान की पूजा का भी विशेष योग बन रहा है। ऐसे वक्त में 5 राशि के लोग जो ढैया या साढ़ेसाती से गुजर रहे हैं उनके लिए इन दोनों के कष्टों से मुक्ति पाने का यह विशेष समय है। गुरु पूर्णिमा के दिन ऐसे व्यक्ति शनि देव से जुड़े कुछ उपायों को कर के तमाम तरह के कष्ट से बच सकते हैं।
यहाँ करें क्लिक और जानें, कौन सी राशि के साथी देते हैं सम्बन्धों से अधिक धन को महत्व