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सावन मास को विदा करते हुए भगवान शिव को करें रुद्राभिषेक से प्रसन्न

kumari sunidhiraj Myjyotish expert Updated Mon, 16 Aug 2021 06:04 PM IST
सावन 2021
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धर्म ग्रंथों की मान्यता है कि भगवान शिव के रूद्र रूप को रूद्राभिषेक अत्यंत ही प्रिय होता है । जिसके चलते व्यक्ति के कुंडली में मौजूद रूद्राभिषेक ग्रह से संबंधित दोषों और रोगों का नष्ट होता है । सावन मास में रूद्राभिषेक करने का अपना अलग ही विशेष महत्व है ।

सावन मास खत्म होने में बस कुछ ही दिन बाकी है , लेकिन आज सावन मांस का आखरी सोमवार है । आज के दिन शिव भक्त अपनी पूरी श्रद्धा से भगवान शिव को प्रसन्न करने की पूरी कोशिश करेंगे । धर्म ग्रंथों के अनुसार बताया जाता है सावन मास के सोमवार में कुछ खास उपाय भी होते हैं । जून को सफलतापूर्वक करने से भगवान शिव शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सारी मनोकामनाएं को पूर्ण करते हैं । सावन मास के सोमवार के दिन सभी भक्तजन मंदिर जाकर भगवान शिव का जल अभिषेक करते हैं जिसका भगवान शिव की पूजा में बहुत महत्व है । लेकिन सावन मास में जल अभिषेक के साथ साथ रूद्राभिषेक का भी खास महत्व होता हैं ।

रूद्राभिषेक का क्या अर्थ है :

रूद्र व भूत भावन भगवान शिव के अभिषेक है । शिव और रूद्र आपस में एक - दूसरे के पर्यायवाची होते हैं । दरअसल शिव को ही रूद्र कहा जाता है , क्योंकि रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र:   जिसका अर्थ है कि भगवान शिव अपने भक्तों के सभी दुखों को हरण करते हैं । 
रुद्र का अर्थ होता है रूद्र का अभिषेक करना अर्थात शिवलिंग पर रूद्र के मंत्रों द्वारा भगवान शिव का अभिषेक करना । जिसके चलते कुंडली में मौजूद रूद्राभिषेक ग्रह से संबंधित दोषों और रोगों का नष्ट होता है ।

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