हिंदू कैलेंडर में जब मानसून की पहली बारिश आती है तो यह सावन महीने की शुरुआत का प्रतीक है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है और भक्त विशेष रूप से सोमवार को श्रावण सोमवार व्रत के रूप में जाने वाले व्रत का पालन करते हैं। कुछ अन्य लोग भी हैं जो मंगलवार को उपवास रखते हैं और उन्हें मंगला गौरी व्रत के रूप में जाना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन का महीना सबसे अधिक महत्व रखता है। यह धार्मिक और वैज्ञानिक रूप से वर्ष के सबसे महत्वपूर्ण महीनों में से एक माना जाता है। यह आम तौर पर जुलाई और अगस्त के बीच में पड़ता है और ये पूरी तरह भगवान शिव को समर्पित है, यह एक बड़ा कारण है कि शिव भक्त इस अवधि के दौरान उपवास रखते हैं और कुछ नियमों का पालन करते हैं। लोग भगवान शिव को प्रभावित करने और उपयुक्त जीवनसाथी पाने के लिए सोलह सोमवारों को मनाते हैं, जिन्हें "सोलह सोमवारी" के नाम से भी जाना जाता है। भक्त पुरे माह सुबह जल्दी स्नान करते हैं और सूर्यास्त के बाद पूजा करने के लिए मंदिर जाते हैं। सावन के पूरे महीने में भगवान शिव के प्रति अपनी कृतज्ञता दिखाते हुए उनकी उपासना करते है । सावन जिसे लोग श्रावण के महीने के नाम से भी जानते है वह 25 जुलाई से आरम्भ हो रहा है । बात करे सावन सोमवारों की तो इस बार इस पुरे महीने में 4 सोमवार पड़ेंगे जिसमे की प्रथम सोमवार 26 जुलाई को है वही दुतीय सोमवार 2 अगस्त , तृतिय सोमवार 9 अगस्त व चतुर्थ यानि अंतिम सोमवार 16 अगस्त को पड़ेगा वही ये पावन महीना 22 अगस्त यानि रक्षाबंधन के दिन समाप्त हो जायेगा । इस पावन महीने में भक्तो द्वारा भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना की जाती है । शिव भक्त इस दौरान भोलेनाथ को प्रस्सन करने के लिए उनकी विशेष पूजा अर्चना कर भगवान शिव को पसंदीदा वस्तुओ को अर्पित करते है व महीने में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार को उपवास भी रखते है । जहाँ एक ओर लोग इस महीने का इंतेज़ार किसी नये कामो का आरंभ या अन्य शूभ कामो को करने के लिये करते है, वही दूसरी ओर कुछ ऐसे भी काम है जिसे इस महीने में भूल कर भी नही करना चाहिये आइये जानते है शास्त्रियों द्वारा बताये गये वो कौन से काम है जिन्हें हम इस पावन महीने में करना चाहिये व कौन से ऐसे काम है जो हमे भूल कर भी नही करने चाहिए ।
सावन माह में महाकाल का करें सामूहिक रुद्राभिषेक और असाध्य रोगों पर पाएँ विजय