श्रावण मास शिव जी का प्रिय है और ये पूरा महीना उन्हें है समर्पित होता है। भोलेनाथ के भक्त पूरे महीने सच्ची निष्ठा और आस्था के साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करते हैं। ऐसा कहते हैं कि इस समय महादेव और माता पार्वती पूरे विश्व के चक्कर लगाते हैं और सब पर अपनी दृष्टि बनाए रखते हैं। इसलिए ये समय भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सर्वोत्तम होता है। अगर आप भगवान
शिव को प्रसन्न करने में सफल होते हैं तो आपके जीवन से सारे कष्ट दूर होते हैं और सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
ऐसे तो श्रावण महीने का हर एक दिन ही भोले बाबा के लिए होता है तो आप किसी भी दिन इनकी पूजा कर सकते हैं। मगर श्रावण ने भी सोमवार का अत्यधिक महत्व माना जाता है। इस बार श्रावण 29 दिन का होगा और इसमें 4 सोमवार पड़ रहे हैं। ऐसे तो आप चारों सोमवार को विधिवत रूप से पूजन करें तो अच्छा होगा पर अगर ये किसी भी कारणवश संभव ना हो तो आप श्रावण के पहले सोमवार को ही है ये निम्न उपाय करके महादेव को प्रसन्न कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं कि वो कौन से उपाय हैं।
- ऐसे तो अगर आप श्रावण के प्रथम सोमवार को शिव जी के मंदिर जा सकते हैं तो ये काफ़ी अच्छा रहता है मगर अभी का माहौल को देखते हुए ये मुश्किल हो सकता है। तो अगर मंदिर जाना संभव ना हो तो अपने घर में ही शिव जी को जौ तथा तिल चढ़ाएं। कहते हैं इससे भगवान शिव खुश होकर साधक के जाने-अंजाने में हुए सभी पापों से उसे मुक्ति देते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और खुशहाली आती है।
- श्रावण के पहले सोमवार के दिन शिव जी की नियमित रूप से पूजा अवश्य करें। ऐसा करते हुए ध्यान रखें कि आपका चेहरा उत्तर दिशा की ओर हो। पूजा के बाद “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें। ये जाप आप 11, 21, 51 या 108 बार कर सकते हैं। ये आंकड़े धर्म की दृष्टि से शुभ माना जाते हैं। “ॐ नमः शिवाय” का जाप करने से भगवान शिव अपने भक्तों पर अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
- जैसा कि हमने ऊपर कहा कि आप अगर मंदिर जा पाते हैं तो वो उत्तम रहेगा पर अगर नहीं भी जा पाते हैं तो घर में ही विधिवत रूप से पूजा करें। श्रावण के पहले सोमवार के दिन सुबह जल्दी उठकर शिव जी की पूजा करें। साथ ही माता पार्वती और नंदी बाबा का भी पूजन करें और गंगाजल चढ़ाएं। शिवलिंग का नियमानुसार अभिषेक करें। शिव जी को उनकी सभी प्रिय चीज़ें जैसे अक्षत, धतूरा, बेलपत्र, अक्षत, इत्यादि अर्पित करें।
- भगवान शिव को जब पूजा समय भोग लगाएं तो ये भोग शक्कर, घी और गेहूं के आटे के मिश्रण से बनाएं। पूजा समाप्त होने के पश्चात जितने अधिक लोगों में आप ये प्रसाद बांट सकें उतना बेहतर होगा। इसके अतिरिक्त 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से महादेव बेहद प्रसन्न होते हैं और साधक पर सदैव ही उनका आशीर्वाद बना रहता है।
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