ऐसा कहा जाता हैं की चाहे कोई भी रिश्ता {Relation } हो लेकिन रिश्ते की डोर बहुत ही नाजुक होती हैं। आज के डिजिटल दौर {Digital Era } में , रौशनी की चमक में रिश्तों की जगमगाहट कहीं फीकी पड़ती नजर आ रहीं हैं। अक्सर हम अपने आसपास देखतें हैं कि कई बार लोग बहुत छोटी छोटी बातों पर वाद विवाद {Argument } कर लेतें हैं तथा अपने वर्षों का रिश्ता एक झटके में तोड़ देतें हैं या फिर कई बार ऐसा होता हैं कि इधर उधर की बात सुनने में लग जातें हैं और आपस में ही बात नहीं कर पातें हैं और आगे जाकर यही छोटी सी ग़लतफ़हमी { MisUnderstanding } बड़ा रूप ले लेतीं हैं और संबंधो में दरार आने लग जातीं हैं। कई समाज सुधारक का मानना हैं कि अमूमन आपस में कलह या फिर मन मुटाव का कारण ठीक ठंग से अपनी बात को ना कह पाना ही होता हैं। हम अक्सर ऐसा देखतें हैं कि बहुत प्रगाढ़ संबंधो की भी नींव हिल जातीं हैं ठीक ठंग से बात ना कर पाने के वजह से। दूसरे शब्दों में इसे कम्युनिकेशन गैप {communication gap } कहा जाता हैं। जब हम अपनी बात समझाने के बजाय खमोश हो जातें हैं और सबंधो के धागे की उलझन समाप्त ना होकर और बढ़ती ही जाती हैं। आध्यातिमिक जगत के विद्वान भी बतातें हैं कि आपस में एक दूसरे के साथ अपने विचार साझा करने से सबंध ठीक होतें हैं। अभी हाल ही में इस मुद्दे पर देश की प्रख्यात भजन गायिका जया किशोरी {Jaya Kishori } ने अपने सुझाव एवं विचार प्रकट किए हैं। आइये इस लेख के माध्यम से जानतें हैं कि उन्होंने क्या सुझाव दिए हैं :
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