रक्षा बंधन श्रावन मास मनाया जाने वाला एक त्योहार है। जो भाई-बहन के प्रेम को दर्शाता है। इस दिन सारी बहनें अपने भाईओं की सफलता, सुरक्षा एवं संपन्नता के की कामना करती हैं। साथ हीं भाईयों की लंबी उम्र की लालसा के लिए उनके कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं। इस रक्षा सूत्र को राखी के नाम से जाना जाता है। यह रक्षा सूत्र सिर्फ एक धागा रूपी बंधन नहीं बल्कि यह तो बहनों का प्यार व आशीष होता है, जो हर मोड़ पर भाईयों की रक्षा कवच बन उन्हें सुरक्षित रखता है। तो वहीं दूसरी ओर हर भाई अपने बहनों की जीवन भर रक्षा करने का प्रण लेता है। किसी भी विकट परिस्थिति से उन्हें बचाने के लिए हमेशा तैयार रहता है। परिस्थिति चाहे कुछ भी भाई-बहन का रिश्ता अटूट होता है। ये हर मुश्किल घड़ी में एक-दूसरे के साथ खड़े होते हैं। रक्षा बंधन का त्योहार भारत में बेहद धूम-धाम से मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि यानी की सावन महिने का आखिरी दिन रक्षा बंधन का पर्व होता है। इस वर्ष 22 अगस्त दिन रविवार को राखी का त्योहार मनाया जाएगा। इसी दिन बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। ताकि भाई जहाँ भी रहे खुश और स्वस्थ्य रहे। इसलिए राखी हमेशा शुभ मुहुर्त देखकर हीं बांधनी चाहिए। इस बार रक्षाबंधन के दिन राहुकाल भी मंडरा रहें हैं। ऐसे में राखी बांधना अशुभ माना जाएगा। इसलिए मुहुर्त को देखते हुए कार्यक्रम करें। आइए जानते हैं राखी के दिन के तमाम मुहूर्त
22 अगस्त की मुहूर्तः
भद्रा- प्रातः 6:15 बजे तक है। इस लग्न में राखी नहीं बांधनी चाहिए।
इसके बाद रात्रि 9:00 बजे तक बांध सकते है। वैसे तो राखी दिन भर बांधी जाती है। लेकिन स्थिर लग्न में बांधना अत्यंत शुभ माना जाता है।
राहुकाल- शाम 05:16 बजे से 6 बजे तक है। इसलिए इस दौरान राखी नहीं बांधी जाएगी।
अब ज्योतिषविद् के अनुसार बताये गये कुछ बातों को देखते हैं जो जाने-अनजाने में लोग इस दिन कर जाते हैं। जिससे आपको बूरे परिणाम का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं उन तथ्यों के बारे में-
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