(2) गीता का पाठ यदि पूर्वजों के लिए पढ़ा जाए तो उन्हें नर्क की यातनाओं से मुक्ति मिल जाती है और वे श्रीहरि के चरणों में स्थान ग्रहण करते हैं। इसलिए श्राद्ध के दिनों में गीता का दूसरा और सातवां अध्याय अपने पितरों की मुक्ति के लिए जरूर पढ़ें। यदि वे कष्टों से मुक्त होंगे तो आप पर निश्चित रूप से उनकी कृपा बरसेगी।
इस पितृ पक्ष, 15 दिवसीय शक्ति समय में गया में अर्पित करें नित्य तर्पण, पितरों के आशीर्वाद से बदलेगी किस्मत : 20 सितम्बर - 6 अक्टूबर 2021