कुशा क्यों माना जाता है इतना पवित्र : -
मत्स्य पुराणों में एक प्रसंग के अनुसार ये बताया जाता है कि जब भगवान विष्णु ने वराह के अवतार में आकर यक्ष का वध किया था तो पृथ्वी को पुनः के स्थापना प्राप्त हुई थी । उसके तुरंत बाद ही उन्होंने अपने शरीर पर लगे पानी को झाड़ा था तब उनके शरीर से कुछ बाल पृथ्वी पर गिर गए थे और वह कुशा के रूप में बदल गए । इसके बाद से ही कुशवाहा को पवित्र माना जाने लगा । एक और अन्य पौराणिक प्रसंग के अनुसार यह बताया जाता है कि जब सीता जी ने खुद को पृथ्वी में समाया था तो श्री राम जी ने जल्दी से दौड़कर उन्हें रोकने का प्रयास किया था । लेकिन वह उन्हें बचा नहीं पाए थे पर श्री राम जी के हाथ में सीता जी के कुछ केश आ गए थे । इसके बाद से ही यह केश राशि ही कुशा के रूप में परिणत हो गई ।
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