फ़्रांस में सन्
1503 ई. की दिसम्बर की 13 तारीख़ को जन्में प्रसिद्ध भविष्यवक्ता माइकल दि
नास्त्रेदमस की “लेस प्रोफेटीस” नामक पुस्तक का प्रकाशन फ़्रांस के मेस बाबहम ने 4 मई सन् 1555 ई. को फ़्रेंच भाषा में किया था। प्रकाशन से पहले ही यह पुस्तक इतनी प्रसिद्ध हो चुकी थी कि प्रकाशन के दिन लम्बी क़तारों में ख़रीददार खड़े थे। इस पुस्तक की प्रसिद्ध इसी बात से जानी जा सकती है कि इसका प्रथम संस्करण पहले दिन ही समाप्त हो गया था। अपनी इस पुस्तक में नास्त्रेदमस ने बारह सेंचुरीज अर्थात् बारह सौ चतुष्पदियों की रचना की है। बारह सौ में से सिर्फ़ 955 का ही अस्तित्व है। इन 955 चतुष्पदियों में लगभग तीन हजार भविष्यवाणियाँ हैं। पिछले पचास वर्षों में नास्त्रेदमस की लगभग 800 भविष्यवाणियाँ सही भी हुई हैं। उक्त सेन्चुरीज में सन् 3797 ई. तक की भविष्यवाणियाँ पहले से ही लिखित हैं। लगभग 500 वर्ष पूर्व की गई इन भविष्यवाणियों के अनुसार, सन् 1889 से सन् 2243 तक चन्द्रमा की
द्वितीय महान चक्र अवधि रहेगी। इसकी तुलना नास्त्रेदमस ने मानवों के रजतयुग से की है। उन्होंने संकेत दिया कि उन्होंने इन भविष्यवाणियों में काल व जगहों को प्रतीकों के रूप में बताया है और स्पष्टता को गुप्त रखा है।
शनि अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण के समय करें पंच दान, होगा हर समस्या का समाधान और बढ़ेगा धन-धान - 4 दिसम्बर, 2021