वर्ष 2021 की
शारदीय नवरात्रि का प्रारम्भ हो चुका है। भक्त माता को प्रसन्न करने के सभी उपाय कर रहे हैं। इस पर्व को लेकर भक्तों में एक विशेष उत्साह रहता है, ऐसा माना जाता है कि इन पवित्र दिनों में माता अपने भक्तों के पास इस धरती में ही होती हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में माता के सभी नौ स्वरूपों की अलग अलग प्रकार से आराधना की जाती है। नवरात्रि में क्रमशः पहले दिन माता
शैलपुत्री, दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन माता चंद्रघंटा, चौथे दिन माता कुष्मांडा देवी, पांचवे दिन मां स्कंदमाता, छठे दिन मां कात्यायनी, सातवें दिन माता कालरात्रि, आठवें दिन माता महागौरी एवं नवें दिन माता सिद्धरात्रि की आराधना की जाती है। माता को प्रसन्न करने के लिए भक्तों द्वारा व्रत किये जाते हैं, माता की मूर्ति स्थापना के साथ नियमानुसार उसका ध्यान रखा जाता है। नियमित रूप से माता से जुड़े भक्तिपाठ होते हैं। यदि नियमो के अनुसार माता की भक्ति की जाए तो माता की बहुत कृपा बरसती है लेकिन यदि ऐसा न किया जाए नियमों का सही से पालन न किया जाए तो परिणाम विपरीत भी हो सकते हैं। कुछ ऐसे कार्य होते हैं जिन्हें इस समयावधि में नही किये जाते हैं, यदि इन्हें समय से न समझा जाये तो माता के आशीर्वाद की जगह प्रकोप का सामना करना पड़ सकता है।
नवरात्रि स्पेशल - 7 दिन, 7 शक्तिपीठ में श्रृंगार पूजा : 7 - 13 अक्टूबर