नवरात्रि का तीसरा दिन चंद्रघंटा माता-
नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा माता की
पूजा की जाती है। चंद्रघंटा माता की सवारी बाघ है। शास्त्रों के अनुसार चंद्रघंटा माता को चंद्रघंटा इसलिए कहा जाता है क्योंकि चंद्रघंटा माता के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान है। मां चंद्रघंटा की पूजा से भक्तों को आरोग्य, चिरायु ,सुखी और संपन्न होने का फल प्राप्त होता है। असुरों के साथ युद्ध में देवी चंद्रघंटा ने घंटे की टंकार से असुरों का नाश कर दिया था चंद्रघंटा माता की पूजा करने से सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। नवरात्रि के तीसरे दिन तृतीया तिथि को माता को दूध चढ़ाएं तथा इसका दान करें ऐसा करने से सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है।
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