हर साल सावन मास (Saawan month) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह शुभ दिन 13 अगस्त को पड़ रहा है । इस दिन भगवान शिव ( lord shiva) साथ नाग देवता की भी पूजा (Worship) की जाती है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार नाग देवता की पूजा से राहु, केतु ,शनि के प्रकोप से छुटकारा मिलता है । बताया जा रहा है , इस साल ये महासंयोग् 108 साल बाद बन रहा है। ज्योतिष शास्त्रों ( Astrology )में बताया जाता है, नागो को दूध (Milk) से स्नान कराना चाहिए ना कि ढूध पिलाना चाहिए। इस दिन अस्तनागों की पूजा की जाती है । नाग देवता की विधि विधान पूजा करने से घर में सुख - शांति व समृद्धि रहती है। माना जाता है इनके स्मरर से भय तत्काल दूर रहते हैं। व धन की प्राप्ति रहती हैं । नागों को अपने जटाजूट तथा गले में धारण करने से भगवान शिव को काल देवता जाता है । हिंदू शास्त्र अनुसार 12 नागों की पूजा करना शुभ रहता है जिसमें मुख्य है अनंत, वासुकि, शेष ,कंबल ,कर्कोटक , कालिका , तक्षक। इस वर्ष यह तिथि 12 अगस्त गुरुवार 3:24 से लगेगी और 13 अगस्त शुक्रवार दोपहर 1:00 बजकर 24 मिनट तक रहेगी । 108 साल बाद बन रहे इस दुर्लभ संयोग से राशियों पर मुख्य रूप से प्रभाव पड़ेगा तो चलिए जानते हैं:-
नाग पंचमी को प्रसिद्ध तीर्थ नैमिषारण्य में करें नाग देवता का दूध से अभिषेक, होगी अक्षय पुण्य की प्राप्ति