ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सभी ग्रहों से विशेष महत्व दिया गया है। अर्थात, इनको ग्रहों के राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। बुध ग्रह को कुंडली में बुद्धि, संचार, व्यापार, विज्ञान, वाणी आदि का कारक माना जाता है। माना जाता है की जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत अवस्था में होती है, वैसे जातक अपनी वाणी एंव ज्ञान की मदद से हर परिस्थिति को बदलने का जुनून रखते हैं। दूसरे शब्दों में कहे तो सफलता इनके पीछे रहती है। बुध ग्रह के जातकों को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है चाहे वह व्यापार हो या पढ़ाई। ऐसे जातक गणित पढ़ने के इच्छुक रहते हैं। उनकी गणना की शक्ति भी तेज होती है। अगर किसी जातक की कुंडली में बुध ग्रह कमजोर अवस्था में है तो उसे शारीरिक एंव मानसिक रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ता है एंव चीजों को लेकर हमेशा उलझन सी रहती है। इसके साथ ही व्यापार जगत में भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ज्योतिषियों के अनुसार बुध ग्रह को शुभ ग्रह माना गया है। इस ग्रह का सबसे विशेष महत्व है की यह संगति के अनुरूप यह फल देता है अर्थात अगर बुध शुभ ग्रहों के साथ है तो वह शुभ फल देता है और क्रूर ग्रहों के साथ हैं तो शुभ फल देता हैं। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी होते हैं यह कन्या राशि में उच्च एवं मीन राशि में नीच माने जाते हैं। बुध ग्रह के इन्हीं प्रभावों के कारण हर जातक एंव ज्योतिषी की बुध के गोचर पर नजर बनी रहती है। इस महीने मे बुध का गोचर चंद्रमा की राशि में कर्क में होने जा रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार इसका असर देश-दुनिया पर भी पड़ेगा। अब आइए जानते हैं कि बुध ग्रह के गोचर होने से कौन-कौन से चार राशियों पर प्रभाव पड़ेगा:-
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